Konark Garbhagriha Discovery : ओडिशा के कोणार्क मंदिर में मिला गर्भगृह का रास्ता, ब्रिटिश प्रशासन ने 1903 में कर दिया था बंद

Konark Garbhagriha Discovery

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ओडिशा के पुरी जिले स्थित विश्वप्रसिद्ध सूर्य मंदिर कोणार्क में अब गर्भगृह की ओर जाने वाला बंद मार्ग मिल गया है। नौ मीटर की गहन खुदाई के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधीक्षक डी.बी. गडनायक ने इसकी आधिकारिक पुष्टि (Konark Garbhagriha Discovery) की है।

यह उपलब्धि मंदिर के पश्चिम दिशा की दीवारों और नींव संरचना की स्थिति जानने के लिए चल रही पुरातत्वीय पड़ताल के दौरान दर्ज हुई है। खुदाई में आठ मीटर गहराई तक प्राचीन पत्थर संरचना पाई गई, जो बताती है कि मंदिर पहले जितना कमजोर नहीं था, जबकि ब्रिटिश प्रशासन ने संरचना क्षति की आशंका जताते हुए वर्ष 1903 में गर्भगृह का प्रवेश मार्ग बंद करा दिया था।

ASI के अनुसार 13वीं शताब्दी में निर्मित कोणार्क सूर्य मंदिर के अंदरूनी हिस्सों से रेत हटाने का काम कई चरणों में चल रहा है। इसी क्रम में पश्चिम प्रकोष्ठ में नौ मीटर तक खोदाई कर लगभग चार फीट लंबी सुरंग का प्रवेश मार्ग मिला है।

कार्य ASI के अधीक्षक और क्षेत्रीय निदेशक दिलीप खमारी की निगरानी में चल रहा है। विशेषज्ञों की 10 सदस्यीय टीम लगातार स्थल पर वैज्ञानिक तरीके से उत्खनन कर रही है, जिससे मंदिर के गर्भगृह तक सुरक्षित मार्ग स्थापित कर आगे अध्ययन और संरक्षण किया जा सके (Konark Garbhagriha Discovery)।

जानकारों का कहना है कि यह खोज भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के अध्ययन में एक बड़ा अध्याय जोड़ेगी। इससे मंदिर की मूल वास्तुकला, गर्भगृह की संरचना और सूर्य पूजा से जुड़े अनुष्ठानों पर भी नई जानकारी मिलने की संभावना है।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर संरचना सुरक्षित पाई गई तो भविष्य में गर्भगृह को दर्शकों के लिए आंशिक रूप से खोला भी जा सकता है, हालांकि अंतिम निर्णय विस्तृत वैज्ञानिक अध्ययन के बाद ही लिया जाएगा (Konark Garbhagriha Discovery)।

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