Kodar Water Crisis : कोडार में जल संकट गहराया, जल स्तर महज़ 5.5 फीट…47 गांवों के निस्तारी हेतु छोड़ा गया था पानी…

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महासमुंद, 20 मई। Kodar Water Crisis : शहीद वीरनारायण सिंह डेम (कोडार बांध) के आरबीसी एवं एलबीसी नहर से 34 दिनों में करीब 47 गांवों में निस्तारी के लिए पानी छोड़ने के बाद मंगलवार की स्थिति में अब बांध में महज़ साढे 5 फीट ही पानी शेष रह गया है, जो पिछले 6 सालों में सबसे कम जल स्तर है। इससे पहले साल 2022 में 5.70 फीट और 2024 में 7.30 फीट पानी शेष था।
बता दें कि पिछले दो सालों से बरसात में अच्छी बारिश न होने से कोडार बांध भी भर नहीं पाया है। इधर, गर्मी के कारण भी जलस्तर लगातार घटता जा रहा है। गर्मी में ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या से निजात दिलाने 1 अप्रैल से 4 मई तक कोडार बांध के आरबीसी नहर से 18 गांव एलबीसी नहर से 29 गांवों को पानी दिया गया। जानकारी के मुताबिक निस्तारी के लिए पानी देने से पहले कोडार में 10.80 फीट पानी था। 34 दिनों में बारी- बारी से दोनों नहरों से पानी देने के बाद 5.70 फीट पानी बचा (Kodar Water Crisis)था। इधर, इन 16 दिनों में जल स्तर घटकर 5.50 फीट (कुल क्षमता का 7.5 प्रतिशत) हो गया है। जो पिछले छह सालों में सबसे कम है।
तालाबों को पानी देने के बाद कोडार बांध के गेट को बंद कर दिया गया है। 2024 के मानसून सत्र में अच्छी बारिश न होने के कारण कोडार बांध नहीं भर पाया था। इस कारण इस वर्ष रबी फसल के लिए भी किसानों को पानी नहीं दिया गया। केवल निस्तारी के लिए पानी छोड़ा गया। बता दें कि कोडार बांध पूरी तरह से मानसून पर निर्भर है। मानसून अच्छा होने पर बांध में जलस्तर अच्छा होता है और बरसात न होने पर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पाता है। लघु जलाशय भी मानसून की बारिश पर ही निर्भर (Kodar Water Crisis)हैं। इस वर्ष भी मानसून सामान्य रहने की संभावना जताई गई है। किसान अच्छी बारिश की उमीद लगाए हुए हैं। वैसे भी गर्मी के मौसम में छोटे-बांधों की देखरेख नहीं होती। ज्यादातर छोटे जलाशय सूख जाते हैं। महासमुंद जिले में 100 लघु जलाशय हैं और दो बड़े जलाशय हैं। ज्यादातर लघु जलाशयों में 25 फीसदी भी पानी नहीं है।
सिकासेर से कोड़ार को भरने की योजना
कोडार बांध को सिकासेर बांध के पानी से भरने की योजना है, लेकिन अब तक यह योजना धरातल पर नहीं उतरी है। बागबाहरा, खल्लारी आदि क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है। सिकासेर बांध से नहर के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना उद्देश्य है।
कोरोनाकाल के दौरान ही कोडार बांध में सबसे ज्यादा पानी भरा था। 2020-21 में मानसून सीजन में 31 फीट पानी भरा था। इसके बाद 2014-15 में कोडार बांध फुल हुआ (Kodar Water Crisis)था। 2013-14 और 2012-13 में भी बांध भर गया था। सबसे ज्यादा अब तक 2011-12 में 33 फीट पानी भरा था।
कोडार बांध की मंगलवार तक कि स्थिति
वर्ष. शेष बचा पानी ( फीट में )
2025 5.50
2024 7.30
2023 5.70
2022 12.50
2021 11.10