Kisaan Aandolan : 28 सितंबर को राजिम में किसान महापंचायत की घोषणा
राकेश टिकैत सहित दूसरे नेताओं को भी आमंत्रित कर रहा महासंघ
रायपुर/नवप्रदेश। Kisaan Aandolan : कृषि कानून को लेकर लंबे समय से केंद्र सरकार के साथ किसानों के बीच मतभेद बना हुआ है। कुछ दिनों से शांत था यह आंदोलन फिर से तेज होता दिख रहा है। अगले महीने छत्तीसगढ़ में दिल्ली की सीमा पर बैठे बड़े किसान नेताओं के साथ बैठक होगी। इस दौरान तीन कृषि कानूनों सहित फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर एक बार फिर मंथन होगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने 28 सितम्बर को किसान महापंचायत की घोषणा की है। इसमें राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल सहित वरिष्ठ किसान नेताओं और कृषि अर्थशास्त्रियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
आज भी किसान खुले बाजार में बेचने को मजबूर
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ (Kisaan Aandolan) के घटक संगठनों की एक बैठक राजिम में हुई है। महासंघ के संचालक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू ने अध्यक्षता में हुई बैठक में छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ संचालक मंडल के सदस्य तेजराम विद्रोही ने बताया, दिल्ली सीमाओं पर किसान, कृषि और आम उपभोक्ता की आजीविका तथा अस्तित्व को बचाने का संघर्ष जारी है। एमएसपी पर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है। सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ में 14 क्विंटल 80 किलो प्रति एकड़ समर्थन मूल्य में तीन महीने खरीदी होने के बाद बाकी फसल को किसान औने-पौने दाम पर खुले बाजार में बेचने को मजबूर होते हैं।
धान को किसानों ने समर्थन मूल्य से 600 रुपए प्रति क्विंटल घाटे में बेचा है। ऐसे समय में किसान महापंचायत के आयोजन से किसानों को अपने अधिकार के लिए संघर्ष को और मजबूत करने की दिशा में प्रेरित करना है। तेजराम विद्रोही ने बताया, 28 सितंबर को गरियाबंद जिले के राजिम में आयोजित किसान महापंचायत प्रस्तावित है। जल्दी ही इसके लिए प्रशासन से भी अनुमति ले ली जाएगी।
10 सदस्यीय समिति बनी
किसान महापंचायत की तैयारी और संचालन के लिए महासंघ ने एक 10 सदस्यीय समिति बनाई है। इसमें महासमुंद जिले से जागेश्वर जुगनू चंद्राकर, गोविंद चंद्राकार, गरियाबंद से मदन लाल साहू, तेजराम विद्रोही, धमतरी से शत्रुघन साहू, टिकेश्वर साहू और रायपुर से पारसनाथ साहू, विश्वजीत हारोडे, हेमंत टंडन, गौतम बंद्योपाध्याय आदि को शामिल किया गया है। कुल मिलाकर दस सदस्यीय संयोजन कमेटी का गठन किया गया है। इस समिति का संयोजक तेजराम विद्रोही को बनाया गया है।
राजिम को इसलिए चुना गया
किसान आंदोलन (Kisaan Aandolan) की महापंचायत के लिए राजिम को चुनने के पीछे का कारण बताते हुए तेजराम विद्रोही ने कहा, राजिम चार जिलों गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी और रायपुर का संगम है और एक नजदीकी स्थल है। दूसरे जिलों के किसान भी यहां आसानी से पहुंच सकते हैं। किसान मजदूर महासंघ संचालक मंडल के पारसनाथ साहू ने बताया, किसान नेताओं को आमंत्रित करने के लिए तेजराम विद्रोही 24 अगस्त को सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं। वे वहां 26 और 27 अगस्त को आयोजित किसान कन्वेंसन में भाग लेंगे। इस दिन आंदोलन के 9 महीने पूरे हो रहे हैं।