Kapil Sibal’s Gesture : अभी तो शुरुआत है 2024 के लिए तैयार रहें…?
नई दिल्ली। Kapil Sibal’s Gesture : कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ चुके कपिल सिब्बल ने मंगलवार को बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि साल 2024 के लिए कई लोग एक साथ आ रहे हैं। सिब्बल ने कांग्रेस छोड़कर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा उम्मीदवारी पेश की है।
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर चुके सिब्बल का कार्यकाल जुलाई माह में समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे तो 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं क्योंकि, वे हमेशा से देश में एक स्वतंत्र आवाज बनना चाहते थे।
कपिल सिब्बल ने (Kapil Sibal’s Gesture) कहा, “मैं कांग्रेस का नेता था। लेकिन अब नहीं हूं। मैंने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। मैं कांग्रेस के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मेरे लिए कुछ भी कहना उचित नहीं है। 31 साल पुराना रिश्ता तोड़ना आसान नहीं है।
राज्यसभा में पर्चा दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा, “मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। मैं हमेशा देश में एक स्वतंत्र आवाज बनना चाहता हूं। हम (विपक्ष) गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि हम मोदी सरकार का डटकर मुकाबला कर सकें।”
अखिलेश का शुक्रगुजार : सिब्बल
कपिल सिब्बल ने कहा, “मैं अखिलेश यादव जी का शुक्रगुजार हूं… हम और कई लोग साल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ आ रहे हैं। हम 2024 से पहले केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे। सभी अपने विचार जनता के सामने रखेंगे।”
हालांकि इससे विपरीत, राज्यसभा में सिब्बल के फिर से चुने जाने में थोड़ी मुश्किल जरूर है लेकिन अगर वह कांग्रेस के साथ भी रहते तो निश्चित रूप से फिर से निर्वाचित नहीं होते। कपिल सिब्बल ने समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव की मौजूदगी में अपना पर्चा दाखिल किया। अखिलेश यादव ने बाद में कहा, “कपिल सिब्बल एक वरिष्ठ वकील हैं। उन्होंने संसद में अपनी राय अच्छी तरह से प्रस्तुत की है। हमें उम्मीद है कि वह सपा और खुद दोनों की राय पेश करेंगे।”
कांग्रेस में असंतुष्ट ग्रुप के प्रमुख सदस्य हैं सिब्बल
कपिल सिब्बल G23 के एक प्रमुख सदस्य हैं। यह कांग्रेस नेताओं का ऐसा समूह है जो कई मौकों पर पार्टी हाईकमान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर चुका है।
अब कौन छोड़ेगा कांग्रेस का साथ
कपिल सिब्बल (Kapil Sibal’s Gesture) का कांग्रेस पार्टी से इस वक्त जाने से पार्टी में अंतर्कलह और कमजोरी एक बार फिर उजागर हुई है। खासकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृ्त्व पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा अगले साल बड़े पैमाने पर नौ राज्यों में चुनाव हैं। इसके बाद साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी बड़ी चुनौती है। सिब्बल ने जिस तरह संकेत दिया है कि अभी तो साल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कई और लोग भी एक साथ आ रहे हैं, बड़ा संकेत देता है।