बीच सड़क पर किसानों ने की धान की पूजा, नेशनल हाईवे 30 पर लगा जाम
कवर्धा/नवप्रदेश। कबीरधाम (kabirdham farmer protest) जिले के बोडला विकासखंड के किसानों ने नेशनल हाईवे 30 (national highway 30) पर रविवार से जाम करके रखा है। सोमवार को हाईवे पर किसानों ने धान रख इसकी पूजा (paddy worship) भी की।
रविवार को जहां ओले गिरने के साथ ही तेज बारिश के बाद भी किसान अपनी मांगों को लेकर अडिग रहे थे। वहीं सोमवार की सुबह मौसम साफ होने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे 30 (national highway 30) की सड़क पर धान रखकर इसकी विधिवत पूजा (paddy worship) की और अपनी मांगों को लेकर नए जोश खरोश के साथ नेशनल हाईवे को जाम ही कर रखा है।
कृषकों का कहना है कि जिस तरह केशकाल के कृषकों की धान खरीदी शुरू कर दी गई है उसी तरह कबीरधाम (kabirdham farmer protest) जिले के भी प्रत्येक किसानों का धान खरीदा जाए। कबीरधाम जिले के जिन किसानों के टोकन कट चुके हैं उनका धान खरीदा जाए। कबीरधाम जिले में कृषक अपनी इस मांग को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन सहित घेराव कर रहे हैं ।
जिले में सोमवार घेराव का छठवां दिन है। कृषक आज भी अपनी मांगों को जिला प्रशासन सहित शासन के समक्ष अपनी मांग रख रहे हैं। इस क्रम में आज कवर्धा स्थित विधायक कार्यालय का घेराव करने भी जा रहे हैं जहां कृषकों के द्वारा नगाड़ा बजाकर प्रदर्शन किया जाना है।
जाम के चलते यातायात में हो रही परेशानी, सब्जियों के बढ़े दाम
वर्तमान स्थिति में जहां नेशनल हाईवे पर जाम लगा हुआ है जिसके चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जाम के चलते टैक्सी व जीप वाले आसपास की दूरी के लिए यात्रियों से मनमानी राशि भी ले रहे हैं तो इसके साथ ही रायपुर राजनांदगांव बिलासपुर जैसे क्षेत्रों में जाने के लिए यात्रियों को बड़ी दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। वही बाजार की स्थिति के संबंध में बात करें तो सब्जियों के दाम भी बढ़े हुए नजर आ रहे हैं।
इसिलए बढ़े दाम
दरअसल आसपास बड़ियों से जो सब्जियां निकलती है उसे कृषक इन छोटे वाहनों पर लेकर बेचने के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे हैं। वर्तमान स्थिति में टैक्सी चालकों के द्वारा अत्यधिक रूप से पैसा लिया जा रहा है जिसके चलते इन सब्जियों पर भी महंगाई की मार दिखाई में आ रही है। बिरकोना के किसान भी नेशनल हाईवे रायपुर मार्ग पर जाम लगाए बैठे हुए हैं। दिन-ब-दिन प्रदर्शन उग्र रूप लेते जा रहा है। आंदोलनाकरियों में ऐसे कृषक भी थे जिनका धान धान खरीदी केंद्र तक पहुंचने के बाद भी नहीं बिक पाया था। इन कृषकों का धान भी इस बारिश से पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है। |
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