Jyoti Malhotra Spy Case : ज्योति मल्होत्रा केस…पिता ने मांगी पारदर्शी जांच… पुलिस ने बताया अब तक की तहकीकात का सच…

चंडीगढ़, 21 मई। Jyoti Malhotra Spy Case : हरियाणा में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा केस में अब एक नया मोड़ आ गया है। जहां एक ओर पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर जांच से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की हैं, वहीं दूसरी ओर आरोपी के पिता ने मामले में पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच की सार्वजनिक मांग की है।
हिसार पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि ज्योति कथित तौर पर कुछ PIOs (Pakistan Intelligence Operatives) के संपर्क में थी और सीमित सूचनाओं का आदान-प्रदान भी किया गया (Jyoti Malhotra Spy Case)था। हालांकि, पुलिस ने साफ किया है कि अब तक कोई भी सैन्य, रक्षा या रणनीतिक जानकारी लीक होने का प्रमाण नहीं मिला है।
पुलिस की जांच में अब तक क्या-क्या सामने आया?
आरोपी से 3 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए हैं। उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
कुरुक्षेत्र निवासी हरकीरत, जो वीजा सर्विस प्रोवाइडर है, से पूछताछ हुई है। उससे भी 2 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया (Jyoti Malhotra Spy Case)गया। आरोपी को अभी किसी केंद्रीय एजेंसी को नहीं सौंपा गया है, लेकिन कुछ एजेंसियों ने हिरासत में पूछताछ जरूर की है।
जांच एजेंसियों का फोकस: कनेक्शन या कन्फ्यूजन?
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं मिला है जिससे ये साबित हो कि आरोपी का सीधा संबंध किसी आतंकी संगठन या घटना से रहा हो। न ही उसकी किसी PIO के साथ शादी या गहरे संबंध के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। वहीं, जिस डायरी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा है, उस पर भी पुलिस ने बयान दिया है कि वह अभी उनके कब्जे में नहीं है।
परिवार की मांग: जांच हो निष्पक्ष और न्यायोचित
इस पूरे मामले में ज्योति मल्होत्रा के पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि उन्हें पुलिस पर भरोसा है, लेकिन वे चाहते हैं कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ हो और कोई निर्दोष फंसाया न (Jyoti Malhotra Spy Case)जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बेटी को साजिशन निशाना बनाया जा रहा हो, तो वह भी सामने आना चाहिए।
विश्लेषण: मामला संवेदनशील, लेकिन अब तक नहीं मिले गंभीर सुरक्षा उल्लंघन के प्रमाण
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने हलचल जरूर मचाई है, लेकिन अब तक की जांच यह दर्शाती है कि यह मामला जितना “हाई-प्रोफाइल” दिखाया गया, उसके अनुपात में सुरक्षा उल्लंघन या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के ठोस प्रमाण बेहद सीमित हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और केंद्रीय जांच एजेंसियों की फीडबैक इस केस की दिशा को किस ओर ले जाती है।