Jyoti Malhotra Espionage Case : ज्योति मल्होत्रा केस: "जासूसी की साजिश या साजिश में फंसी?"…14 दिन और बढ़ी न्यायिक हिरासत…अगली सुनवाई 7 जुलाई को…

Jyoti Malhotra Espionage Case : ज्योति मल्होत्रा केस: “जासूसी की साजिश या साजिश में फंसी?”…14 दिन और बढ़ी न्यायिक हिरासत…अगली सुनवाई 7 जुलाई को…

हिसार, 24 जून| Jyoti Malhotra Espionage Case : जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। हिसार की अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी है, और अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है।

केस का संक्षिप्त अपडेट:

गिरफ्तारी की तारीख: 16 मई 2025

जगह: न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन, हिसार

चैनल: Travel With Jeo

मामला दर्ज: सरकारी गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (BNS) के अंतर्गत

जमानत: 9 जून को याचिका खारिज

अब तक की स्थिति: कुल 9 दिन की पुलिस हिरासत + दो बार न्यायिक हिरासत बढ़ाई (Jyoti Malhotra Espionage Case)गई

पुलिस के दावे — परत-दर-परत खुल रही कहानी

ज्योति मल्होत्रा पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ ‘दानिश’ के संपर्क में थी, जिसे 13 मई को भारत से निष्कासित किया गया।

पुलिस का दावा है कि वह कुछ संदिग्ध एजेंटों से संपर्क में थी, जानते हुए कि वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंट हैं।

हालांकि, अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला कि ज्योति को सीधे सैन्य या रक्षा जानकारी तक पहुंच हासिल (Jyoti Malhotra Espionage Case)थी।

जासूसी या डिजिटल ट्रैप?

कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला साइबर एन्गेजमेंट और सोशल इंजीनियरिंग का उदाहरण हो सकता है, जहां डिजिटल माध्यमों से टारगेट को धीरे-धीरे संवेदनशील जानकारी की ओर धकेला जाता है।

सवाल जो अब भी बाकी हैं:

क्या ज्योति मल्होत्रा को गुमराह कर जाल में फंसाया गया?

क्या वह सच में जानती थी कि जिससे बात कर रही है वह ISI से जुड़ा है?

पुलिस के पास जासूसी का ठोस सबूत है या यह एक डिजिटल भ्रमजाल का केस है?

अगली सुनवाई 7 जुलाई को — क्या मिलेगी ज़मानत या और बढ़ेगी हिरासत?

अदालत की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी, जहां यह तय होगा कि क्या उन्हें ज़मानत मिलेगी या जाँच की दिशा और गहराई को देखते हुए हिरासत और बढ़ाई जाएगी।

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