Jhiria Dam : अमरूवा और गोलझर क्षेत्र में इको-टूरिज्म विकसित होगा, भक्तिन और झिरिया बांध को बनाया जाएगा आकर्षण का केंद्र

Jhiria Dam

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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने अमरूवा और गोलझर क्षेत्र का दौरा कर भक्तिन बांध, बांस प्रसंस्करण केंद्र और झिरिया बांध (Jhiria Dam) का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में पर्यटन विकास और रोजगार सृजन की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

निरीक्षण के बाद वनमंडलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र में उपलब्ध प्राकृतिक और सामुदायिक संसाधनों का उपयोग कर स्थानीय स्तर पर पर्यावरण-अनुकूल आजीविका और इको-टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अमरूवा और गोलझर के आसपास के इलाकों को प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए।

वनमंडलाधिकारी ने बताया कि भक्तिन बांध और झिरिया बांध (Jhiria Dam) की प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली को देखते हुए यहां पर्यटक आकर्षण केंद्र, भ्रमण पथ, विश्राम स्थल और स्थानीय उत्पादों की बिक्री व्यवस्था विकसित की जा सकती है। इससे ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मछली पालन, मुर्गी पालन और लघु व्यवसाय गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे वन प्रबंधन समितियों को मजबूत आधार मिलेगा और स्थानीय लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी।

निरीक्षण के दौरान वन परिक्षेत्र अधिकारी देवपुर संतोष कुमार पैकरा, अन्य वनकर्मी, समिति सदस्य और स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से आने वाले वर्षों में अमरूवा और गोलझर क्षेत्र इको-टूरिज्म और सतत विकास के मॉडल के रूप में उभर सकते हैं।

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