Jhiram massacre: झीरम घाटी राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र था – CM भूपेश बघेल
–Jhiram massacre: राज्य सरकार एआईटी गठित कर जांच करना चाहती है पर एनआईए सहयोग नहीं कर रहा
-मुख्यमंत्री ने घटना में शहीद हुए नेताओं को श्रद्धांजलि देकर किया नमन
रायपुर। Jhiram massacre: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के बहुचर्चित जीरम घाटी हमले की सच्चाई को एनआईए द्वारा अभी तक जनता के सामने नहीं लाये जाने को दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा कि जीरम घाटी राजनीतिक अपराधिक षडय़ंत्र था, जिसके कुछ सबूत भी मिले है। इन सबूतों के आधार पर राज्य सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, लेकिन एनआईए सहयोग नहीं कर रहा है।
एसआईटी की जांच पर रोक लगाई जा रही है। जीरम घाटी नक्सली हमले (Jhiram massacre) की घटना का आज 8वां बरसी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं ने राजीव भवन कांग्रेस मुख्यालय में जीरम घाटी में शहीद हुए सभी कांग्रेस नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि इस हमले में हमने प्रथम पंक्ति के कांग्रेस नेताओं को खोया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यजनक है कि इस घटना को 8 साल हो गये लेकिन अभी तक घटना के पीछे किन लोगों का हाथ था इसकी सच्चाई जनता के सामने अभी तक नहीं आ पायी है।
श्री बघेल ने कहा कि इस घटना के पीछे राजनीतिक अपराधिक षडय़ंत्र था, इसके कुछ सबूत भी हमें मिले है। इन सबूतों के आधार पर राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया है। लेकिन चूंकि इस मामले की जांच केन्द्र की एनआईए एजेंसी कर रही है और एनआईए घटना की जांच में एसआईटी सहयोग नहीं कर रही है।
एनआईए नहीं चाहती है कि घटना की जांच एसआईटी करें। हालांकि मुख्यमंत्री ने एक प्रश्र के जवाब में यह जरूर कहा कि अगर एनआईए द्वारा एसआईटी को सहयोग करें तो जल्द ही इस घटना की सच्चाई जनता के सामने आ जायेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने टूलकिट को लेकर कहा कि देश में कोरोना से ध्यान बटाने के लिए भाजपा ने टूलकिट का मामला सामने लाया है।
उन्होंने कहा कि जब भी किसी विषय पर मोदी सरकार की किरकिरी होने लगती है तो भाजपा के लोग उस विषय से ध्यान बटाने के लिए कोई नया विषय ला लेते है। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि भारत सरकार का कोरोना को नियंत्रित नहीं कर पा रही है। नदी, रेतो में लाशें बहायी व दफनाई जा रही है।
भारत सरकार लाशों का क्रियाक्रम तक नहीं करा पा रही है। कोरोना को लेकर जब भारत सरकार की पूरे देश में किरकिरी होने लगी है तो इनके द्वारा टूलकिट का नया विषय सामने लाया गया है।