Jharkhand New Governance Law 2025 : झारखंड में बनेगा नया कानून, हेमंत सोरेन का ऐलान, अब घर-घर आएंगे अधिकारी
Jharkhand New Governance Law 2025
मुख्यमंत्री (Hemant Soren Announcement) हेमंत सोरेन ने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है। झारखंड में बहुत जल्द (New Law Jharkhand) नया कानून बनेगा, जिसके तहत अब लोगों को अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। इसके बजाय अधिकारी खुद हर पंचायत और हर गांव में लोगों के घरों तक पहुंचेंगे और प्राथमिकता के आधार पर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब और वंचितों को उनका अधिकार दिलाने में अधिकारी अहम भूमिका निभाएंगे। इस कानून के लागू होने के बाद लोगों को दफ्तरों के चक्कर काटने से राहत मिलेगी और सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचेगा।
शनिवार को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के मऊभंडार स्थित ताम्र प्रतिभा मंच मैदान में झामुमो प्रत्याशी सोमेश सोरेन के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह घोषणा की। इस दौरान हेमंत सोरेन ने कहा कि कई लोगों के जन्म प्रमाणपत्र और खतियान में त्रुटियों की जानकारी मिली है, जिन्हें (Post Election Correction Jharkhand) चुनाव के बाद दुरुस्त कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड गठन के बाद भाजपा ने राज्य को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस पार्टी की सरकार ने एक-एक कर सभी सरकारी उद्योगों को बंद किया और उन्हें निजी हाथों में बेचकर राज्य को भुखमरी की कगार पर ला खड़ा किया।
उन्होंने कहा कि हमने 2014 में भाजपा की सरकार को जड़ से हिलाना शुरू किया था और 2019 में उसे उखाड़ फेंककर झारखंड के गरीबों को उनका अधिकार दिलाने का काम किया। उन्होंने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए झामुमो प्रत्याशी सोमेश चंद्र सोरेन को जिताने की अपील की।
जनता के घर तक पहुंचेगी सरकार
मुख्यमंत्री के इस नए ऐलान को लेकर ग्रामीण इलाकों में उत्साह देखा जा रहा है। अधिकारियों के गांव-गांव जाकर शिकायतें सुनने और मौके पर समाधान करने की व्यवस्था से लोगों को काफी राहत मिलेगी। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसंपर्क में सुधार की उम्मीद है।
विपक्षी दलों ने हेमंत सोरेन के इस ऐलान को चुनावी वादा करार दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि जनता अब केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि जमीनी काम से संतुष्ट होगी। वहीं, झामुमो का दावा है कि यह कानून राज्य प्रशासन को “जनता के द्वार” तक पहुंचाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
