नई जनरेशन पर Javed Akhtar का तीखा तंज, गीतकार बोले 'उन्हें डायलॉग हिंदी में पढऩे नहीं आते'

नई जनरेशन पर Javed Akhtar का तीखा तंज, गीतकार बोले ‘उन्हें डायलॉग हिंदी में पढऩे नहीं आते’

Javed Akhtar's sharp jibe at the new generation, the lyricist said, 'They don't know how to read dialogues in Hindi'

Javed Akhtar Birthday

-बॉलीवुड में नए कलाकारों को लेकर अपनी राय जाहिर की

बॉलीवुड के दिग्गज लेखक जावेद अख्तर (javed akhtar) बड़ी ही सफाई से अपना किरदार पेश करते नजर आते है। वे किसी भी विषय पर मजबूती से अपनी राय व्यक्त करते है। जावेद अख्तर हमेशा बॉलीवुड और एक्टर्स को लेकर बयान देते है जो कई बार चर्चा का विषय बन जाता है। कुछ दिनों पहले उन्होंने रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ फिल्म को लेकर बयान दिया था। अब उन्होंने बॉलीवुड में नए एक्टर्स को लेकर अपनी राय जाहिर की है।

जावेद अख्तर हाल ही में ‘हिंदी और उर्दू सियामीज ट्विन्’ कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम फिल्म इंडस्ट्री में नए कलाकारों के लिए रोमन (अंग्रेजी लिपि) में स्क्रिप्ट लिखते हैं। वे कुछ और नहीं पढ़ सकते। किसी भी भाषा का किसी धर्म से कोई संबंध नहीं होता।

हिंदू और उर्दू अलग-अलग भाषाएं हैं, यह बात मान ली गई है। लेकिन उनकी केवल एक ही भाषा है। पाकिस्तान में बंगाली उर्दू नहीं सीखेंगे, भले ही हम मर जाएं। ये 10 करोड़ लोग कौन थे? क्या उन्होंने उर्दू में बात की थी?

उर्दू केवल भारतीय उपमहाद्वीप में बोली जाने वाली भाषा है। इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। आप तमिलनाडु में लोगों को बताते हैं कि हिंदी हिंदुओं की भाषा है। फिर देखें क्या होता है। आप हिंदी शब्दों का उपयोग किए बिना उर्दू में एक वाक्य नहीं लिख सकते। नब्बे प्रतिशत शब्दावली एक जैसी है।

हमारे बीच के महान लेखकों और विद्वानों को हमारी भूली हुई भाषाओं की शब्दावली बनानी चाहिए। सोचिए हमारी शब्दावली कितनी महान होगी। मैं भारतीयों के लिए लिख रहा हूं। मैं उर्दू या हिंदी भाषियों के लिए नहीं लिख रहा हूं। जिस दिन भारतीयों की इसमें रुचि हो जाएगी, भाषा अपने आप ठीक हो जाएगी।

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