Jagannath Temple Murder : जगन्नाथ धाम में चाकू से चीर दी गई शांति…सेवक की दिनदहाड़े हत्या…

Jagannath Temple Murder : जगन्नाथ धाम में चाकू से चीर दी गई शांति…सेवक की दिनदहाड़े हत्या…

पुरी, ओडिशा, 12 जून| Jagannath Temple Murder : सदियों से भक्ति, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र रहे जगन्नाथ मंदिर में उस समय सनसनी फैल गई जब मंदिर के एक वरिष्ठ सेवक की दिनदहाड़े निर्मम हत्या कर दी गई। इस जघन्य वारदात ने ना सिर्फ पुरी को झकझोर कर रख दिया, बल्कि श्रद्धालुओं के दिलों में भय और आक्रोश भर दिया।

क्या है पूरा मामला?

मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित एक गली में खून से लथपथ शव मिलने से हड़कंप मच गया। मृतक की पहचान 55 वर्षीय सेवायत रघुनाथ दास के रूप में हुई है, जो वर्षों से मंदिर सेवा में समर्पित थे।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घटना से कुछ देर पहले मृतक को मंदिर से निकलते देखा गया था। कुछ ही मिनटों में वह CCTV फुटेज में एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बहस (Jagannath Temple Murder)करता और फिर भागने की कोशिश करता दिखा — लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

CCTV ने खोला राज

स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी CCTV फुटेज में साफ़ देखा जा सकता है कि हमलावर ने तेजधार हथियार से हमला कर रघुनाथ दास को कई वार में मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद हमलावर गली में लगे एक सीढ़ीनुमा रास्ते से फरार हो गया।

क्या थी हत्या की वजह?

पुलिस अब तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है कि हत्या की मंशा व्यक्तिगत रंजिश, जमीन विवाद या आपराधिक गतिविधि से जुड़ी (Jagannath Temple Murder)थी। एसपी पुरी ने बताया कि हत्या की जांच SIT के माध्यम से की जाएगी और मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पुनः समीक्षा की जा रही है।

श्रद्धालु डरे, सेवक समुदाय आक्रोशित

जगन्नाथ मंदिर के सेवक संघ ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है, “अगर मंदिर के सेवक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम श्रद्धालु क्या उम्मीद करें?” सेवक समुदाय ने 24 घंटे के भीतर दोषी की गिरफ्तारी की मांग की (Jagannath Temple Murder)है और धार्मिक कार्यों को प्रतीकात्मक रूप से स्थगित करने का ऐलान भी किया है।

मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया

श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा कि वे पूरा सहयोग दे रहे हैं और भविष्य में सुरक्षा बढ़ाने के लिए तकनीकी उपकरणों की संख्या दोगुनी की जाएगी। श्रद्धालुओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है।

एक मंदिर, एक हत्या और कई सवाल…

क्या यह सिर्फ एक आपराधिक मामला है? या पुरी जैसे पवित्र स्थान में संगठित असामाजिक तत्वों की सक्रियता का संकेत?

यह सवाल अब पूरे राज्य में गूंज रहा है — और श्रद्धालुओं की आंखों में चिंता साफ दिखाई दे रही है।

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