संपादकीय: खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई जरूरी

संपादकीय: खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई जरूरी

It is necessary to encourage the players

Necessary to encourage the players

necessary to encourage the players: पेरिस ओलंपिक से भारतीय खिलाडिय़ों का दर्द वापस आ गया है। जिनका देश के खेल प्रेमियों ने जोरदार स्वागत किया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन खिलाडिय़ों से मिले और उनका हौसला बढ़ाया।

वास्तव में ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाडिय़ों की हौसला अफजाई होनी भी चाहिए। इस ओलंपिक में भारत की ओर से 117 खिलाड़ी गए थे। जिन पर सरकार ने 470 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

भारत के खिलाडिय़ों ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और एक रजक पदक तथा कांस्य पदक सहित कुल 6 पदक जीतने में सफल रहे। भारतीय हाकी टीम ने लगातार दूसरे ओलंपिक में भी कांस्य पदक जीतकर एक नया कीर्तिमान रच दिया।

भविष्य में भारतीय हाकी टीम जरूर स्वर्ण पदक जीतने में सफल होगी। कई भारतीय खिलाड़ी दुर्भाग्यवश पदक जीतने में सफल नहीं हो पाए। पहली बार महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली विनेश फोगाट 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण ओलंपिक से बाहर कर दी गई।

अन्यथा वे स्वर्णपदक या रजक पदक जीतने में निश्चित रूप से सफल होती। बहरहाल उनकी कमी मनु भाकर ने पूरी कर दी। जिन्होंने 2 पदक जीतने का नया कीर्तिमान रचा है।

भारत को पहला पदक मनु भाकर ने ही दिलाया था। उनकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जमकर सराहना की है। पीएम मोदी ने खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ाते हुए कहा है कि आप सभी ने इस ओलंपिक में अपना बेस्ट दिया है। और भारतीय खिलाडिय़ों ने देशवासियों की उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन किया है। खेल में हार जीत लगी रहती है।

इस ओलंपिक से भी खिलाडिय़ों को काफी कुछ सीखने को मिला है। चूंकि हमारे अधिकांश खिलाड़ी काफी कम उम्र के हैं। इसलिए इस ओलंपिक का अनुभव उनके लिए आगे काम आएगा और वे भारत को अगले ओलंपिक में ज्यादा पदक जीतने में निश्चित रूप से सफल होंगे।

सरकार खिलाडिय़ों को खेल के अनुकूल वातावरण देने और उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराने के लिए कटिबद्ध है। इसी उद्देश्य से खेलो इंडिय़ा की शुरूआत की गई है। इस बार के ओलंपिक में भी खेलो इंडिया से निकले कई खिलाडिय़ों ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

आगे भी सरकार देश के कोने- कोने से ऐसी खेल प्रतिभाओं को ढूंढ कर आगे लाएगी और उन्हें तराश कर ओलंपिक में भेजने के लायक बनाएगी।

पीएम मोदी के इस उद्बोधन के बाद निश्चित रूप से खिलाडिय़ों का हौसला बढ़ा होगा। दूसरे दिन पेरिस से रेसलर विनेश फोगाट भारत लौटी उनका भी नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर खेल प्रेमियों ने भारी उत्साह के साथ स्वागत किया।

गौरतलब है कि पदक से चूकने के बाद भी विनेश फोगाट को हरियाणा सरकार ने रजक पदक विजेता खिलाड़ी की तरह ही सम्मान और अन्य सुविधाएं देने की पहले ही घोषणा कर रखी है।

हालांकि विनेश फोगाट के मामले को लेकर राजनीति भी की गई थी जो कतई उचित नहीं है। खेलों को लेकर तो राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

ऐसा करने से भले ही राजनीतिक पार्टियों के हित सध जाते हों लेकिन खेल और खिलाड़ी का अहित ही होता है। बहरहाल पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन मिलाजुला रहा और हमेें अपने खिलाडिय़ों के प्रदर्शन पर गर्व करना चाहिए।

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