ISRO Commercial Satellite Launch : ISRO का साल का आखिरी धमाका, ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट सफल लॉन्च

ISRO Commercial Satellite Launch

ISRO Commercial Satellite Launch

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने साल के आखिरी मिशन में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि अपने नाम कर ली है। इसरो ने अब तक की सबसे बड़ी वाणिज्यिक संचार सैटेलाइट ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। यह मिशन पूरी तरह से कमर्शियल लॉन्च था, जिसे वैश्विक स्तर पर (ISRO Commercial Satellite Launch) के रूप में देखा जा रहा है। इस उपलब्धि से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत हुई है।

इस मिशन के तहत अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 संचार सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। यह सफल प्रक्षेपण इसरो की बढ़ती व्यावसायिक क्षमताओं को दर्शाता है और (ISRO Commercial Satellite Launch) के क्षेत्र में भारत की विश्वसनीयता को और पुख्ता करता है।

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट की लॉन्चिंग के लिए इसरो ने अपने हेवी-लिफ्ट लॉन्च व्हीकल LVM3 का उपयोग किया। यह LVM3 की छठवीं उड़ान थी, जबकि वाणिज्यिक अभियानों के लिए इसकी तीसरी सफल उड़ान रही। भारी पेलोड उठाने की क्षमता के कारण LVM3 को ‘बाहुबली’ के नाम से भी जाना जाता है। इसी रॉकेट के जरिए इसरो पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवेब सैटेलाइट मिशन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है, जिससे (ISRO Commercial Satellite Launch) की क्षमता वैश्विक स्तर पर सिद्ध हुई है।

गौरतलब है कि वनवेब मिशन के दौरान इसरो ने LVM3 रॉकेट से दो चरणों में कुल 72 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया था। इन अभियानों ने यह साबित किया कि भारत अब केवल वैज्ञानिक मिशनों तक सीमित नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर (ISRO Commercial Satellite Launch) सेवाएं प्रदान करने में भी सक्षम है।

ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट का वजन लगभग 6,500 किलोग्राम है। यह पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा कॉमर्शियल कम्युनिकेशन सैटेलाइट माना जा रहा है। इस सैटेलाइट की खासियत यह है कि यह सीधे मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम है, जिससे दूरदराज और नेटवर्क-वंचित इलाकों में भी संचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।

इस सफल लॉन्च के साथ इसरो के लिए कमर्शियल स्पेस सेक्टर में नए अवसर खुल गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में (ISRO Commercial Satellite Launch) भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। साल के आखिरी मिशन में मिली यह सफलता भारत को अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में एक मजबूत और भरोसेमंद शक्ति के रूप में स्थापित करती है।