Irregular Electrical Worker : समर्थन में आए अमित जोगी… फिर कही ये बातें
रायपुर/नवप्रदेश। Irregular Electrical Worker : नियमितीकरण की मांग को लेकर विगत 10 दिनों से राजधानी रायपुर के धरना प्रदर्शन स्थल बूढ़ातालाब में डटे सैकड़ों अनियमित विद्युत कर्मचारियों के समर्थन में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी सामने आए। अमित जोगी ने धरना प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया और उनका उत्साह बढ़ाया।
इस दौरान अमित जोगी ने कहा सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र में अनियमित विद्युत कर्मचारियों (Irregular Electrical Worker) को नियमित करने का वादा किया था आज ढाई साल बीत गए, लेकिन सरकार कुम्भकर्णीय नींद में सो रही है। कोई सुध नहीं ले रही है। अनियमित बल्कि सीधी भर्ती कर उनके साथ के साथ खिलवाड़ और इन कर कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है।
अमित जोगी ने कहा सरकार ने सिर्फ अनियमित विद्युत कर्मचारियों के साथ ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगार को नौकरी और भत्ता देने का, शराबबंदी, बिजली बिल हाफ, किसानों के सम्पूर्ण कर्जा माफ और बोनस देने का वादा किया लेकिन सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया। आने वाले 2023 के चुनाव में कांग्रेस परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।
ज्ञात हो कि प्रदेश प्रदेश भर 25 सौ से भी अधिक अनियमित विद्युत कर्मचारियों (Irregular Electrical Worker) राजधानी में जुटे हैं। वे लगातार बुढ़ापारा धरना स्थल में सरकार की वादाखिलाफी को लेकर जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। संविदा कर्मचारियों सरकार की संवेदना मरने का आरोप लगाकर कर्मचारियों के द्वारा गुरुवार को मुंडन भी करवाया गया है, शोक मना रहे हैं और आज से आमरण अनशन कर रहे है।
इसलिए नाराज है विद्युतकर्मी
आपको बता दे कि बिजली कर्मियों विगत 11 अगस्त से हड़ताल पर है। वे सरकार से इसलिए नाराज चल रहे है कि, विद्युत कंपनी में कार्यरत समस्त संविदा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए। विद्युत दुर्घटनाओं में मृत्यु हुए संविदा कर्मियों को उचित मुआवजा एवं उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। विद्युत दुर्घटनाओं में स्थायी-अस्थायी अपंगता का शिकार हो चुके कर्मियों को उचित मुआवजा दिया जाए। जो सरकार नहीं कर रही है। बल्कि बिजली कर्मियों के प्रत्येक माह सेवानिवृत होने से अधिकारी- कर्मचारियों की कमी होते जा रही है। इससे कामकाज प्रभावित होने के साथ ही वर्तमान कर्मियों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है। कंपनी ने संविदा के तौर पर कर्मचारियों को रख कर कई काम करा रही है। बावजूद स्वीकृत पद के अनुरूप मेन पावर नहीं है।