IPL आयोजक BCCI को नहीं देता टैक्स; फिर भी सरकार करोड़ों रुपए कैसे कमा लेती है?

IPL आयोजक BCCI को नहीं देता टैक्स; फिर भी सरकार करोड़ों रुपए कैसे कमा लेती है?

IPL organisers do not pay taxes to BCCI; yet how does the government earn crores of rupees?

Tax Exemptions for BCCI & IPL

-आईपीएल टूर्नामेंट का आयोजन करने वाली बीसीसीआई सरकार को एक भी रुपया टैक्स नहीं देती

नई दिल्ली। आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग इस महीने की 22 मार्च से शुरू हो गई है। यह प्रतियोगिता दुनिया की सबसे महंगी और प्रसिद्ध क्रिकेट लीग है। क्योंकि, यहां सचमुच पैसों की बारिश होती है। आईपीएल सिर्फ एक क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं बल्कि एक बड़ा उद्योग बन गया है। जहां खिलाडिय़ों से लेकर टीम मालिकों, प्रसारण कंपनियों और सरकार तक हर कोई हर साल भारी पैसा कमाता है। यद्यपि इस लीग से भारत सरकार को प्रत्यक्ष कर प्राप्त नहीं होता, लेकिन मनोरंजन के लिए अप्रत्यक्ष रूप से सरकार के खजाने में पैसा जमा होता है।

आईपीएल में आय कैसे उत्पन्न होती है?

आईपीएल का अधिकांश राजस्व मीडिया और प्रसारण अधिकारों से आता है। स्टार स्पोट्र्स और जियो सिनेमा ने संयुक्त रूप से 2023 से 2027 की अवधि के लिए आईपीएल के प्रसारण अधिकार हासिल कर लिए हैं। इसके लिए उन्होंने 48,390 करोड़ रुपये का अनुबंध किया है। ऐसे में आईपीएल हर साल 12,097 करोड़ रुपए कमाता है। अब यह राशि बीसीसीआई और फ्रेंचाइजी के बीच 50-50 प्रतिशत बांट दी गई है।

बीसीसीआई सरकार को कर नहीं देता

हर साल 12,000 करोड़ रुपये कमाने के बावजूद बीसीसीआई एक भी रुपया टैक्स के रूप में नहीं देता। भारत सरकार आईपीएल से प्राप्त भारी राजस्व पर प्रत्यक्ष कर नहीं वसूलती है। क्या बीसीसीआई को टैक्स देना चाहिए या नहीं? यह मामला 2021 में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के समक्ष आया था। उस समय बीसीसीआई ने तर्क दिया था कि आईपीएल के आयोजन का उद्देश्य क्रिकेट को बढ़ावा देना है। बीसीसीआई की अपील स्वीकार कर ली गई। तब से बीसीसीआई ने आईपीएल से होने वाली कमाई पर सरकार को कोई कर नहीं दिया है।

भारी अप्रत्यक्ष सरकारी राजस्व

आईपीएल के लिए कर छूट से सरकार को प्रत्यक्ष राजस्व प्राप्त नहीं होता है। लेकिन, ऐसे कई अन्य तरीके हैं जिनसे सरकार के खजाने में भारी राजस्व आता है। खिलाडिय़ों के वेतन से काटे जाने वाले टीडीएस से सरकार को काफी राजस्व प्राप्त होता है। 2025 की मेगा नीलामी में 10 टीमों ने खिलाडिय़ों को खरीदने के लिए 639.15 करोड़ रुपये खर्च किए। इस दौरान 120 भारतीय और 62 विदेशी खिलाडिय़ों की नीलामी हुई।

अब सरकार इन खिलाडिय़ों को मिलने वाले वेतन से कर वसूलती है। इसके लिए सरकार का नियम है कि भारतीय खिलाडिय़ों के वेतन पर 10 प्रतिशत टीडीएस और विदेशी खिलाडिय़ों के वेतन पर 20 प्रतिशत टीडीएस लगाया जाता है। इस प्रकार आईपीएल 2025 में सरकार को 89.49 करोड़ रुपये का टैक्स प्राप्त हुआ। मान लीजिए अगर ऋषभ पंत आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं और उन्हें 27 करोड़ रुपये सैलरी मिलती है तो उन्हें इस पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा, यानी 2.7 लाख रुपये।

आईपीएल में कमाई के अन्य तरीके

  • प्रायोजन: प्रायोजन सौदे आईपीएल के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत हैं। आईपीएल में विभिन्न ब्रांड अपनी ब्रांडिंग पर करोड़ों रुपए खर्च करते हैं।
  • स्टेडियम टिकट बिक्री: मैचों के दौरान फ्रेंचाइजी और सरकार दोनों को टिकट बिक्री से राजस्व प्राप्त होता है।
  • व्यापारिक वस्तुओं की बिक्री: आईपीएल जर्सी, कैप, स्टिकर और अन्य क्रिकेट वस्तुओं की बिक्री से भी अच्छा राजस्व अर्जित करता है।
  • जीएसटी और अन्य कर: आईपीएल स्टेडियम में बेचे जाने वाले भोजन, टिकट और अन्य सेवाओं से भी राजस्व उत्पन्न करता है।

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