निवेशकों को सिर्फ 8 दिनों में 25.21 लाख करोड़ रुपये का नुकसान…ट्रम्प के टैरिफ के कारण बाजार में गिरावट..
![Investors lost Rs 25.21 lakh crore in just 8 days… Market fell due to Trump's tariff..](https://navpradesh.com/wp-content/uploads/2025/02/Share-Market-Loss-1024x576.jpg)
Share Market Loss
-घरेलू बाजार के मौजूदा हालात निवेशकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं
नई दिल्ली। Share Market Loss: घरेलू बाजार के मौजूदा हालात निवेशकों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। लगातार आठ सत्रों में गिरावट के कारण निवेशकों को 25.31 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के कारण बाजार में गिरावट आई है। विदेशी निवेशक पूंजी बहिर्गमन, अपेक्षा से कमजोर तिमाही नतीजों तथा वैश्विक व्यापार युद्ध की अनिश्चितता से तनावग्रस्त हैं। आठ कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स में 2,644.6 अंक या 3.36 प्रतिशत की गिरावट आई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 810 अंक या 3.41 प्रतिशत गिर गया। हालांकि, विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भविष्य को लेकर बाजार में मिश्रित रुझान देखने को मिल सकता है।
शुक्रवार को बाजार में कारोबार (Share Market Loss) सकारात्मक तेजी के साथ शुरू हुआ। लेकिन, बाद में शुरुआती तेजी खत्म हो गई। कारोबार के अंतिम दौर में सेंसेक्स 199.76 अंक गिरकर 75,939.21 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 699.33 अंक के निचले स्तर तक गिर गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 102.15 अंक गिरकर 22,929.25 पर बंद हुआ। शेयर बाजार में गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण आठ दिनों में 25,31,579.11 करोड़ रुपये घटकर 4,00,19,247 करोड़ रुपये (4.610 अरब डॉलर) रह गया।
आगे क्या?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, कमजोर तिमाही नतीजों, रुपये में गिरावट और टैरिफ जैसे बाहरी कारकों के कारण निकट भविष्य में बाजार की धारणा कमजोर रहने की संभावना है। यह गिरावट और बढ़ सकती है क्योंकि एफआईआई की बिकवाली जारी रहेगी। नायर के अनुसार, जब तक दरों पर स्पष्टता नहीं आ जाती और कॉर्पोरेट आय में सुधार नहीं होता, अस्थिरता बनी रहने की संभावना है। दूसरी ओर, भारतीय शेयर बाजार में आई तेज गिरावट ने पिछले दो सप्ताह की बढ़त को पूरी तरह खत्म कर दिया है। एंजेल वन के वरिष्ठ विश्लेषक ओशो कृष्णन ने कहा कि निवेशक इस सप्ताह लगातार आठ सत्रों में बिकवाली को लेकर चिंतित हैं।
छोटी और मध्यम आकार की कंपनियों पर अधिक असर
बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 3.24 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक में 2.59 प्रतिशत की गिरावट आई। बीएसई के क्षेत्रवार सूचकांकों में 3.16 प्रतिशत, सेवाओं में 3.16 प्रतिशत, उद्योगों में 3.03 प्रतिशत, पूंजीगत वस्तुओं में 2.76 प्रतिशत, बिजली में 2.65 प्रतिशत, उपयोगिताओं में 2.52 प्रतिशत तथा उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 2.39 प्रतिशत की गिरावट आई। इसी प्रकार, कमोडिटीज और रियल्टी में क्रमश: 2.25 प्रतिशत और 2.03 प्रतिशत की गिरावट आई। इस अवधि के दौरान केवल आईटी क्षेत्र ही लाभदायक रहा।