New Variety of Maize का आविष्कार, किसानों को सस्ते में मिलेगा बीज
रायपुर/नवप्रदेश। New Variety of Maize : छत्तीसगढ़ में किसानो का बीज अब कम कीमत में मिलेगा। मक्का की नई किस्म को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) के वैज्ञानिकों ने इजाद किया है।
इस किस्म का नाम छत्तीसगढ़ अगेती शंकर मक्का-1 रखा गया है। नई किस्म के मक्का को किसान खरीफ फसल में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे पहले छत्तीसगढ़ में मक्का की कोई भी नई किस्म की फसल तैयार नहीं हुई थी।
84 दिनों में फसल हो जाएगी तैयार
कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा (New Variety of Maize) ने बताया ”मक्के की नई किस्म 84 दिन में तैयार हो जाएगी। बाकी किस्म को 90 से 100 दिन लगते हैं। जल्द तैयार होने से फसल चक्र में क्रम सही बैठता है। नई किस्म का अम्बिकापुर, दंतेवाड़ा और रायपुर में प्रयोग किया गया।सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
डॉ. दीपक शर्मा के मुताबिक प्रति हेक्टेयर 58 क्विंटल उत्पादन है। यह बाकी किस्म से 20 क्विंटल ज्यादा उत्पादन है। किसान इसे खरीफ फसल के समय उपयोग कर सकते हैं। इसे अंबिकापुर के रिसर्च सेंटर में ब्रीडरों द्वारा इजाद किया गया है।अंबिकापुर में ही हमारी ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटर प्रोजेक्ट की स्कीम है। वहीं मक्के की परियोजनाएं चल रही है। उसी के तहत लगातार हमारा काम चल रहा है।
भारत सरकार को भेजा प्रपोजल, हरी झंडी का इंतजार
डॉ. शर्मा कहते हैं कि विश्वविद्यालय (IGKV) के द्वारा साल 2021 में इसे छत्तीसगढ़ स्टेट वैरायटी रिलीज कमेटी के द्वारा जारी किया गया था.। इसके नोटिफिकेशन के लिए भारत सरकार को प्रपोजल भेजा गया है। जल्द ही इसका नोटिफिकेशन हम लोगों को मिल जाएगा। अभी हम लोग टीएलसी किसानों को बीज देने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जैसे ही नोटिफिकेशन होगा तो वह प्रोसेस में आ जाएगा।
चूंकि बाकी मक्का के बीज का प्राइवेट कंपनी से आरएमडी है। ट्रांसपोर्टेशन चार्ज लगता है तो उनकी कीमत ज्यादा होती है, लेकिन नए किस्म का मक्का विश्वविद्यालय (New Variety of Maize) द्वारा तैयार किया गया है। छत्तीसगढ़ में ही यह बना है। ऐसे में हम लोग यहां के किसानों को कम से कम रेट में बीज उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे।