Interview CM Vishnudev Sai: भय, भ्रम और भ्रष्टाचार की पोषक कांग्रेस, आदिवासियों को वोटबैंक से ज्यादा कुछ नहीं मानती : CM विष्णुदेव साय
-कांग्रेस के आरक्षण,संविधान बदलने जैसे भ्रामक मुद्दों पर जनता ध्यान नहीं देती
-राजनीति पार्ट टाइम जॉब नहीं है, हमारे लिए यह साधना, नक्सलवाद को हम जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं
रायपुर/नवप्रदेश। Interview CM Vishnudev Sai: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लोकसभा चुनाव प्रचार के दरम्यान अपने स्वभाव के विपरित काफी आक्रामक है। राज्य में कांग्रेस और पड़ोसी राज्य में अपने भाषणों में इंडिया गठबंधन पर हमले कर रहे है। राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री की कार्यशैली को लेकर प्रधानमंत्री ने भी अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान खुले मंच से जमकर तारीफ की।
भाजपा के सामाजिक न्याय ब्रांड एम्बेसडर राज्य के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सदाशयता को लेकर आम धारणा है कि वे सामाजिक समावेशी विकास के पक्षधर है। चार महिने पहले मुख्यमंत्री बने साय की हाजिर जुबानी को लेकर भाजपा की सत्ता व संगठन का तबका भी हतप्रभ हैं। चल रहे लोकसभा चुनाव, राज्य की सामाजिक, आर्थिक व राजनीति में सोशल इंजिनियरिंग को लेकर दैनिक नवप्रदेश समाचार पत्र समूह के प्रधान संपादक यशवंत धोटे ने उनसे लंम्बी बातचीत की । प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश:-
प्रश्न : दरअसल जिस जातिगणना और सामाजिक न्याय की बात कांग्रेस कर रही हैं उससे भी आगे बढ़कर भाजपा ने आपको पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर आपको असल सामाजिक न्याय को रोल माडल प्रस्तुत किया है लेकिन आपके चुनाव प्रचार ये तथ्य गायब है । ऐसा क्यो?
कांग्रेस ने देश में हमेशा जाति,धर्म और भाषावाद की राजनीति की है। कांग्रेस के घोषणा पत्र की ही बात करें तो इसमें मुस्लिम लीग की छाप है। यह वह पार्टी है सत्ता में रहते हुए जिसके पीएम संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों और खास तौर पर एक समुदाय का बताते हैं। कांग्रेस के नीति निर्धारक माने जाने वाले सैम पैत्रोदा ने तो लोगों के मेहनत की कमाई के बंटवारे का प्लान भी तैयार कर लिया है। क्या कांग्रेस एक वर्ग विशेष के वोट के लिए गरीब, आदिवासी, मेहनतकश मजदूर, मध्यम वर्ग की संपत्ति पर कब्जा कर उसे बांटना चाहती है।
भाजपा ने हमेशा गरीब, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों के उत्थान को वरीयता दी है। हम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं, जबकि कांग्रेस सिर्फ तुष्टिकरण को बढ़ावा देती है। छत्तीसगढ़ को पहला आदिवासी मुख्यमंत्री कांग्रेस भी दे सकती थी, लेकिन उसने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि वह आदिवासियों को वोटबैंक से ज्यादा कुछ नहीं मानती है। मुझे शीर्ष नेतृत्व ने राज्य की सेवा का अवसर दिया है, इसके लिए मैं पार्टी का आभारी हूं, रही बात रैलियों में इस बात का उल्लेख करने की तो मेरा मत है कि दायित्व से अधिक हमारे कार्य की चर्चा होनी चाहिए। आज भारतीय जनता पार्टी को छत्तीसगढ़ हो या देश के अलग-अलग हिस्सों में जनता का जो आशीर्वाद मिल रहा है, उसके पीछे हमारी वह नीतियां हैं जो सर्वस्पर्शी एवं सर्वव्यापी हैं। कभी आरक्षण तो कभी संविधान बदलने जैसी भ्रामक बातें करने वाली कांग्रेस की बातों पर अब जनता ध्यान नहीं देती।
प्रश्न : लोकसभा का चुनाव मोदी की गारन्टी से जब सामाजिक न्याय पर आ टिका है ऐसी स्थिति में क्या भाजपा को अपनी रणनीति बदल देनी चाहिए?
भाजपा (Interview CM Vishnudev Sai) के लिए अंत्योदय का मंत्र ध्येय वाक्य है। मोदी जी की जितनी भी गारंटियां हैं वह सामाजिक उत्थान का जरिया बन रही हैं। वह चाहे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य हो या फिर माताओं-बहनों के लिए महतारी वंदन जैसी योजना, हम समग्र कल्याण की राह पर आगे बढ़ते हैं। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटियां आज भरोसे की गारंटी बन गई हैं। कांग्रेस ने इस देश में सिर्फ भ्रम, भ्रष्टाचार और भय की राजनीति की है, यही वजह है कि आज वह जनता द्वारा बार-बार खारिज की जा रही है।
प्रश्न : राज्य की 11 लोकसभा सीटो का यदि पिछले 24 साल का इतिहास देखे तो कांग्रेस के पास न खोने के लिए कुछ ज्यादा है और न ही आपके पास पाने के लिए कुछ ज्यादा हैं। 2019 में पहली बार कांग्रेस को दो सीटे मिली थी। उसे भी अब आप पूरी 11 जीतना चाह रहे है क्या यह संभव है?
यह लोकसभा चुनाव देश को विकसित भारत की दिशा में आगे ले जाने वाला चुनाव है। इस चुनाव के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश की बागडोर सौंपकर लोग राष्ट्र के नव निर्माण में अपनी भागीदारी तय कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के लिए मुझे प्रदेश की हर लोकसभा सीट में कई बार जाने का अवसर मिला है। हमारे पास विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व है। छत्तीसगढ़ की जनता प्रदेश की सभी 11 सीट पर कमल खिलाकर अबकी बार 400 पार के लक्ष्य में अपना शत-प्रतिशत योगदान देने जा रही है। कांग्रेस को इस लोकसभा चुनाव में न तो प्रत्याशी मिल रहे हैं न ही उनका झंडा उठाने वाले कार्यकर्ता।
प्रश्न : आप अपने भाषणों में महतारी वंदन और किसानों के बोनस की बात करते है जबाव में कांग्रेस ने महिलाओं के लिए एक लाख वाली योजना के फार्म भरवाना शुरू किया है क्या आपकी योजना लोकसभा चुनाव के बेहतर परिणामों के लिए कारगर साबित होगी?
छत्तीसगढ़ में धान पर न्यूनतम समर्थन मूल्य, बोनस या फिर अंतर राशि संकल्पना भाजपा की ही देन है। छत्तीसगढ़ में डॉ रमन सिंह जी के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार ने एक ऐसी सार्वजनिक वितरण प्रणाली लागू की, जो देशभर में रोलमॉडल बनी। कांग्रेस ने पिछले पांच साल में किसानों को जिस तरह गुमराह करने का काम किया, उससे वह बेनकाब हो चुकी है। हमने विधानसभा चुनाव में मोदी जी की गारंटी के नाम पर वोट मांगा था। हमारी सरकार बन गई तो कांग्रेस कहने लगी इन गारंटियों को पूरा करना नामुमकिन है, लेकिन किसानों से 3100 प्रति क्विंटल की दर से धान की रिकॉर्ड खरीदी कर हमने इतिहास रचा है।
21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान की खरीदी का वादा भाजपा ने पूरा किया, यही नहीं धान पर पिछली अंतर राशि देकर हमने एक बार फिर साबित किया कि हम जो कहते हैं वह करते हैं। महतारी वंदन योजना के जरिए साल में हितग्राही महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये मिल रहा है। यह तो सिर्फ दो योजनाएं हैं, डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में गरीब, युवा, महिला और किसानों के लिए संचालित हर योजना छत्तीसगढ़ में आर्थिक और सामाजिक तरक्की को गति दे रही है। हम विकास के मुद्दे पर वोट मांगते हैं, जनता का हमें भरपूर आशीर्वाद मिलता है। इसके उलट कांग्रेस कैसे लोगों को गुमराह किया जाए, इसके लिए नये-नये हथकंडे अपनाने में जुटी है, लेकिन लोग अब परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों की बातों में नहीं आने वाले हैं।
प्रश्न : राज्य गठन के बाद आप पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं। राज्य की 32 फीसदी आदिवासी आबादी इसे स्वस्फूर्त सामाजिक न्याय मान रही हैं। मतलब ये कि इस बहुसंख्यक समाज पर किसी ने कोई अहसान नहीं किया। उनके धैर्य धीरज और लंम्बे सामाजिक संघर्ष के बूते यह न्याय पाया है। आप क्या सोचते है?
कांग्रेस के लिए आदिवासी महज एक वोटबैंक हैं, जबकि भाजपा के लिए वह परिवार हैं। आदिवासियों के विकास को लेकर यदि कोई दल प्रतिबद्ध है तो वह भारतीय जनता पार्टी है। केंद्र में आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाने की बात हो या आदिवासी बहुल राज्य छत्तीसगढ़ का गठन, बीजेपी ने ही इसे साकार किया है। देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति पीएम मोदी की दूरदृष्टि से मिली हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के बीच से निकले उनके परिवार के सदस्य को छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया। केंद्र की मोदी सरकार ने ही भगवान बिरसा मुंडा जी जन्मजयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मान्यता दी। सिर्फ चार महीने के भीतर छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के कल्याण को लेकर हमने कई योजनाएं संचालित की हैं। हरा सोना कहे जाने वाले तेंदुपत्ता पर संग्राहकों को 5500 रुपये प्रति मानक बोरा संग्रहण दर प्रदान की जा रही है। हम गोंड़ी और हल्बी जैसी भाषाओं के अनुवाद के लिए आदिमजाति भाषा परिषद का गठन करने जा रहे हैं। सौ से अधिक वनोपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी सुनिश्चित की जा रही है। एक तरफ भाजपा की डबल इंजन सरकार आदिवासी कल्याण पर जोर दे रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी और उसके युवराज राहुल गांधी आदिवासियों को वनों से दूर करने वाली नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। आदिवासियों को कांग्रेस ने हमेशा सत्ता सुख भोगने के लिए गुमराह किया है, लेकिन अब वह बेनकाब हो चुकी है। विधानसभा के बाद अब लोकसभा चुनाव में आदिवासी मतदाता कांग्रेस का अंतिम विसर्जन करेंगे।
प्रश्न : संसदीय लोकंतत्र में आपका लम्बा राजनीतिक अनुभव हैं विधायक, सांसद, मंत्री व संगठन में अध्यक्ष जैसे पदो पर रहे। सोशल इंजिनियरिंग के आप रोल माडल रहे फिर भी आपको मुख्यमंत्री बनने में 24 साल लग गए। आपको ऐसा नही लगता कि आपको इस तरह का न्याय पाने के लिए कठिन और लंम्बा संघर्ष करना पड़ा?
मैं या फिर भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता पार्टी में कुछ बनने के लिए नहीं आता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में वह समाज के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने आता है। मैंने स्वयं कभी किसी पद की इच्छा नहीं की, पार्टी ने जब जो दायित्व दिया, उसका तन्मयता से निर्वहन किया। एक साधारण आदिवासी परिवार से आने वाले व्यक्ति को विधायक, सांसद, केंद्र में मंत्री और फिर मुख्यमंत्री जैसे दायित्व भाजपा में ही संभव है। यहां कार्यकर्ता किसी परिवार को खुश करने के लिए नहीं बल्कि भारत माता के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित करने के लिए तत्पर रहता है।
प्रश्न : लोकसभा सीटों के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा राष्ट्रीय नेताओ के ताबड़तोड़ दौरे से यह संदेश जा रहा है कि भाजपा को यथास्थिति बनाये रखने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ रहा हंै। क्या यह बात सही है?
यह तो वैसा ही है कि कोई विदयार्थी परीक्षा को लेकर दिन-रात मेहनत करता है वहीं दूसरा मौज मस्ती में समय बीताता है, और रिजल्ट आने पर प्रश्नपत्र कठिन होने की बात करता है। भाजपा प्रत्येक चुनाव को पूरी गंभीरता से और पूरी ताकत के साथ लड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह या फिर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जिस प्रकार परिश्रम की पराकाष्ठा करते हैं, वह हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रेरित करता है। हमारे लिए राजनीति पार्ट टाइम जॉब नहीं है, हमारे लिए यह साधना है। दूसरी ओर कांग्रेस के नेता कब इटली और थाईलैंड छुट्टी और पिकनीक मनाने चले जाएं, किसी को नहीं पता होता।
प्रश्न : नक्सलवाद को लेकर भाजपा का रूख काफी आक्रामक है लेकिन टायमिंग को लेकर विपक्ष सवाल खडे कर रहा है। आप क्या सोचते है?
आतंकवाद हो या नक्सलवाद की समस्या, देश ने हमेशा कांग्रेस का दोहरा चरित्र देखा है। हमारे वीर जवानों ने 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेटिया क्षेत्रांतर्गत बिनागुंडा एवं कोरोनार के मध्य हापाटोला के जंगल में मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया गया। टाइमिंग पर सवाल पूछने वालों से मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मुठभेड़ के वक्त हमारे जवान चुनाव खत्म होने का इंतजार करते? यह छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान को मिली अब तक की सबसे बड़ी ऐतिहासिक सफलताओं में एक है।प्रदेश और देश के हर नागरिक को हमारे जवानों के पराक्रम पर गर्व है। डीआरजी और अर्धसैनिक बलों के जवानों का मनोबल बढ़ाने के बजाय उनकी वीरता पर संदेह करना कांग्रेस के लिए यह ठीक नहीं है। कांग्रेस का इतिहास रहा है, वह सत्ता सुख भोगने के लिए नक्सलवाद हो या आतंकवाद की पोषक रही है। छत्तीसगढ़ के एक छोटे से हिस्से में सिमटे नक्सलवाद को हम जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रश्न : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपने चुनावी सभाओं में महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे को बार-बार उठा रहे है, इस पर आप क्या कहेंगे। क्या लोकसभा चुनाव के बाद देश और प्रदेश में रिक्तपदों पर भर्ती प्रक्रिया चालू होगी?
कांग्रेस के युवराज की लॉन्चिंग एक नहीं कई बार फेल हो चुकी है। जनता उन्हें बार-बार खारिज कर रही है। राहुल जी के बायोडाटा में भ्रष्टाचार, वंशवाद और परिवारवाद के अलावा कोई नई चीज नहीं है, इसलिए जनता उनकी बेरोजगारी दूर करने के मूड में नहीं है। 50 साल से अधिक समय तक देश में राज करने वाले एक शाही परिवार की बेरोजगारी का मतलब यह नहीं है कि देश बेरोजगार है। छत्तीसगढ़ में पांच साल तक राज करने वाली कांग्रेस ने सिर्फ एक परिवार की बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रदेश के संसाधनों की जैसी लूट मचाई है, उन सब की जांच जारी है। जनता इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और उसके नेताओं को स्थायी रूप से बेरोजगार करने वाली है।