कलेक्टर ने दिए स्वास्थ्य केन्द्रों में एंटी स्नैक वैनम उपलब्ध कराने के निर्देश
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कलेक्टर ने दिया सर्पदंश के प्रकरणों पर गम्भीरता से त्वरित कार्रवाई का निर्देश
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कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने कहा समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वैनम की उपलब्धता सुनिश्चित करें
कवर्धा। जिला कलेक्टर अवनीश कुमार शरण IAS AWANISH KUMAR SHARAN ने सर्पदंश Snake bite के प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों से उपचार लेने की अपील जनता से की है व उपचार एवं जांच की समस्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश सीएमएचओ समेत सभी बीएमओ को दिया है।
उन्होंने कहा कि समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नैक वैनम Anti Snake Venom की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित करें। श्री शरण AWANISH KUMAR SHARAN ने कहा कि बारिश के मौसम में सर्पदंश की घटनाएं अधिक देखने को मिलती हैं, इसलिये अन्य समय की अपेक्षा बरसात में अधिक सावधानी की जरूरत होती है। उन्होंने स्कूलों, आंगनवाडिय़ों व अन्य सार्वजनिक भीड़ वाले स्थलों से झाडिय़ों , कचरों व सर्प बिच्छू अथवा जहरीले कीड़े मकोड़ों को रोकने के लिए दवा छिड़काव करने का निर्देश भी सम्बन्धित विभागों को दिया है।
जिले में जनवरी से अब तक सर्पदंश से एक भी मौत नहीं
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश कुमार तिवारी ने बताया कि जिले में जनवरी 19 से लेकर वर्तमान समय तक कवर्धा में 36, पंडरिया में 30, बोड़ला में 14 व लोहारा में 18 सर्पदंश Snake bite के प्रकरण दर्ज किए गए हैं, राहत भरी खबर यह है कि इनमें से सभी को उपचार कर स्वस्थ कर लिया गया है। उक्त समय अवधि तक जिले में सर्पदंश Snake bite से एक भी मौत नही हुई है। उन्होंने बताया कि जिले के समस्त स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नैक वेलम की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है व जून 19 तक जिले में। 1004 एंटीस्नैक वेनम Anti Snake Venom उपलब्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि बरसात आते ही जहरीले कीड़े, बिच्छू और सर्पदंश Snake bite के प्रकरण बढऩे लगते हैं, ऐसे में यदि परिजन देर करें तो पीडि़त की जान बचाने में चिकित्सकों की सूझबूझ ज्यादा काम आती है। डॉ तिवारी ने कहा कि ऐसे प्रकरणों में अक्सर परिजन झाड़-फूंक और घरेलू उपचारों के चक्कर मे देर से चिकित्सक तक पहुंचते हैं और पीडि़तों की जान जोखिम में डाल देते हैं, लेकिन त्वरित अस्पताल पहुच जाने से उपचार करके जान बचाने में कामयाबी मिल जाती है। उन्होंने बताया कि समय पर उचित इलाज मिल जाये तो मरीज को जहरीले सर्पदंश से भी बचाया जा सकता है।
सांप के जहर का दो प्रकार से शरीर पर होता है असर
डॉ सुरेश कुमार तिवारी ने बताया कि जहरीले सर्प की प्रजाति को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है। एक वे जो नर्वस सिस्टम को ब्रेक करते हैं और दूसरे ब्लड सर्कुलेशन को बुरी तरह प्रभावित कर मरीज की जान लेते हैं। दोनो ही प्रकरण खतरनाक होते हैं और तत्काल उपचार न मिलने पर पीडि़त की जान चली जाती है।