insomnia: अनिद्रा: नींद नहीं आने पर करें ये उपाय, भोजन के बाद…
insomnia: घिया या कद्दू के रस में तिल का तेल मिलाकर रात्रि के समय खोपड़ी पर मालिश करने से अनिद्रा रोग में आराम मिलता हैं – शहद अनिद्रा के रोगियों के लिए सम्मोहन का-सा प्रभाव रखता है। रात्रि को सोने से पूर्व मौसम में अनुसार ठण्डा या गरम एक प्याली पानी में दो चम्मच शुद्ध शहद का सेवन करने से अच्छी नींद आती है।
नींद (insomnia) लेने के लिए सबसे पहला उपाय यह है कि व्यक्ति को कुछ ऐसा व्यायाम करना चाहिए, जिससे उसे थकावट का अनुभव हो, उसे स्वच्छ वायु में सुबह-शाम घूमना चाहिए। गाजर का रस नींद आने में सहायक है। सलाद के पत्तों का उपयोग निद्रा-रोगियों के लिए लाभदायक है।
गर्मियों में ठण्डे पानी से पैर धोकर सोने से भी अच्छी नींद आती है। सेब के मुरब्बे का सेवन करने से नींद आने लगती है।
मानसिक तनाव, चिंता, शोक की स्थिति होने पर शंखपुष्पी, ब्राह्मी और आंवले का चूर्ण मिलाकर 3 मिग्रा. रात में बिस्तर पर जाने से 30-40 मिनट पहले जल के साथ लेने से गहरी नींद आती है। उच्च रक्तचाप के कारण अनिद्रा की विकृति होने पर सर्पगंधा चूर्ण 3 मिग्रा. मात्रा में जल के साथ लेने से बहुत लाभ होता है ।
भोजन के बाद अश्वगंधारिष्ट, सरस्वतारिष्ट -दोनों एक-एक तोले मिलाकर जल के साथ सेवन करने से पाचन क्रिया संतुलित होने से नींद आती है सर्पगन्धा वटी की 2 गोली रात को पानी या दूध के साथ लेने से अनिद्रा की विकृति नष्ट होती है। तेल मालिश कराकर पानी में सुगंधित द्रव्य डालकर स्नान करने से गहरी नींद आती है। सूर्योदय से पूर्व उठकर भ्रमण करने, नदी किनारे घूमने, अधिक दूर तक पैदल चलने, जांगिंग करने से नींद अधिक आती है।
- लड़कियों को ऐरोबिक्स करने पर नृत्य करने पर अनिद्रा का नाश होता है। हरी घास पर जब उस पर ओस पड़ी हो, नंगे पांवों चलने से मस्तिष्क की उष्णता, तनाव, क्रोध, चिंता नष्ट होने पर नींद का समावेश होता है।
- मुक्तापिष्टी 1 मिग्रा. ब्राह्मी बटी 2 मिग्रा. सर्पगन्धा वटी 4 मिग्रा खरल में घोटकर एक बार सुबह, एक बार रात में आंवले के मुरब्बे और गुलकंद के अनुपान से सेवन करने पर अनिद्रा नष्ट होती है।
- मस्तिष्क तनाव व किसी रोग के कारण मस्तिष्क में उष्णता होने पर वात चिंतामणि 125 मिग्रा., ब्राह्मी वटी एक गोली और सर्पगंधा चूर्ण एक ग्राम मात्रा और रात को एक मात्रा दूध के साथ सेवन करने से अनिद्रा का नाश होता है।
- सूतशेखर रस 125 मिग्रा. मात्रा भैंस के दूध के साथ सेवन करने से वात-पित्त से उत्पन्न अनिद्रा रोग नष्ट होता है।
- स्वप्नदोष, धातु क्षीणता से उत्पन्न अनिद्रा विकृति को नष्ट करने के बसंत कुसुमाकर रस 125 मिग्रा. सुबह और शाम दो बार भैंस के दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
प्रवाल पिष्टी 125 मिग्रा. मधु के साथ चाटकर खाने के बाद दूध पीने से वात-पित्तजन्य अनिद्रा रोग नष्ट होता है। दिन में सुबह-शाम दो बार प्रवाल पिष्टी का इस्तेमाल करना चाहिए। – पीपरामूल का चूर्ण बनाकर रख लें। प्रतिदिन सोने से पहले आधा चम्मच चूर्ण गड़ मिलाकर खाएं और ऊपर से गर्म दूध पीकर सो जाएं। इससे अच्छी नींद आती है और सुबह उठने पर मन प्रसन्न रहता है।
एक अच्छा और पका हुआ कुम्हाड़ा लेकर उसका छिलका निकाल दें। इसके बाद उसे काटकर उसका वीज और गूदा निकाल दें। फिर कुम्हड़े के एक-एक या दो रूपये भर के कतरे बनाकर उन्हें पानी में उबालें। जरा नरम पड़ने पर उन्हें उतार कर कपड़े पर डालकर पानी निकाल दें। इसमें केसर और इलायची दाने इच्छानुसार डाले जा सकते हैं इस मुरब्बे का नियमित सेवन करने से अनिद्रा रोग का नाश होता है और अच्छी नींद आती है
कोकम को चटनी की तरह पीसकर पानी मिलाकर छान लें इसमें चीनी मिलाकर शरबत बनाए। यह शरबत पीने से अनिद्रा रोग का नाश होता है। इसका सेवन कम-से-कम पंद्रह दिन तक चाहिए।
गहरी नींद के लिए यह उपाय अवश्य करना चाहिए
प्याज में मसाले भरकर उसका अचार बनाएं। यह अचार इतना हो कि ज्यादा से ज्यादा पंद्रह दिन तक सेवन किया जा सके। हर पंद्रह दिनों में ताजा अचार बनाएं। यह अचार खाने से अच्छी नींद आती है। साथ ही इससे थकावट दूर होती है, खाने में रूचि बढ़ती है और दस्त भी साफ होता है।
एक सेर पानी को अच्छी तरह उबाल लें, फिर उसे नीचे उतारकर उसमें कद्दूकस किया हुआ प्याज डालकर 5-10 मिनट रहने दें। ठंडा होने पर छान लें। यह चाय के चम्मच की मात्रा में लेकर उसमें पांच बूंद मिलाकर बच्चों को पिलाने से वे गहरी नींद सोते हैं।
– चार जायफल लेकर उनका चूर्ण बनाकर सोलह पुड़ियां बना लें। प्रतिदिन सोने से पूर्व एक पुड़िया पानी के साथ लें। इससे अनिद्रा रोग का शमन होता है और अच्छी नींद आती है ।
यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से लिए गए हैं कृपया अपने डाक्टर से सलाह लेकर ही उपाय करें ।