INS Vikrant पहले प्रशिक्षण के लिए कोच्चि से हुआ रवाना,ये है खासियत……
कोच्चि। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant), जिसे स्वदेशी विमान वाहक 1 के रूप में भी जाना जाता है, बुधवार को अरब सागर में अपने पहले परीक्षण के लिए रवाना हुआ, जो चार दिनों तक चलेगा। विमानवाहक पोत का निर्माण भारतीय नौसेना के लिए कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है।
बोर्ड में अधिकारियों और नाविकों सहित करीब 1,500 अधिकारी शामिल हैं। इस युद्धपोत (INS Vikrant) की खास बात यह है कि यह देश में बनने वाला पहला एयरक्राफ्ट कैरियर है। स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत 2023 तक नौसेना में शामिल हो सकता है।
जहाज के डिजाइन पर काम 1999 में शुरू हुआ और फरवरी 2009 में इसे बनाना शुरु किया गया। वाहक को 29 दिसंबर, 2011 बाहर निकाला गया और 12 अगस्त 2013 को लॉन्च किया गया था।
ये है विक्रांत की खासियत
मूल परीक्षण दिसंबर 2020 में पूरे किए गए थे।जहाज (INS Vikrant) की लंबाई 262 मीटर है, जबकि इसकी बीम 62 मीटर और गहराई 25.6 मीटर है। इसका निर्माण कार्य फरवरी 2009 में कोचिन शिपयार्ड में शुरू किया गया था। इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 26 लड़ाकू विमान और 10 हेलीकॉप्टर रखे जा सकते हैं।
भारत लंबे अरसे से प्रयास कर रहा है कि वह तीन कैरियर बैटल ग्रुप्स के साथ समुद्र की सुरक्षा कर सके। बता दें कि, कैरियर बैटल ग्रुप में एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ कई दूसरे जंगी जहाज, हेलीकॉप्टर्स और सबमरीन का एक बेड़ा होता है।