Indore Temple Tragedy : बावड़ी से 35 शव बरामद… मासूमों का शव देख रो पड़े सेना के जवान
इंदौर/नवप्रदेश। Indore Temple Tragedy : इंदौर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बृहस्पतिवार को रामनवमी के धार्मिक उल्लास के बीच हवन-पूजन का वैदिक मंत्रोच्चार तब अचानक चीख-पुकार में बदल गया, जब एक पुरातन बावड़ी पर बनाए गए इस देवस्थान की फर्श धंस गई। इस दर्दनाक हादसे में मरने वालों की संख्या 35 हो गई है। मृतकों में 18 महिलाएं और लड़कियां शामिल हैं। अभी भी दर्जनों लोग लापता बताएं जा रहे हैं। जिनकी तलाश जारी है।
बेलेश्वर मंदिर में हुए हादसे के बाद दिनभर की मशक्कत के बाद जब पुलिस और प्रशासन का बचाव दल थक गया तो रात को सेना की मेहर रेजीमेंट ने लोगों को बचाने का मोर्चा संभाला। जिनके परिजन मंदिर गए थे और नहीं लौटे, ऐसी हजारों आंखें टकटकी लगाए अपनों के इंतजार में बैठी थीं।
शवों के लिए कम पड़े चादर और स्ट्रेचर
एडिशनल डीजीपी अभिनय विश्वकर्मा ने शव ले जाने के लिए स्ट्रेचर और चादर इकट्ठा किए। सेना ने पहले बावड़ी में लगे सरिये काटे और रास्ता बनाया। फिर सैन्य अधिकारी अर्जुन सिंह कोंडल ने बचाव दल को क्रेन ट्रॉली से नीचे उतारा। रात करीब 12.30 बजे जवान चार शव लेकर ऊपर आए।
हादसे के बाद वहां मौजूद लोगों की भीड़ अपनों को तलाशने के लिए शवों की ओर तेजी से दौड़ पड़ी। शव को जब एंबुलेंस में ले जाया गया, तो भीड़ ने वहां भी एंबुलेंस का पीछा किया। रात करीब 12.43 बजे दूसरी ट्राली फिर चार शव लेकर बाहर आई।
भारतीय सेना की आखें भी हुई नम
सैन्य अधिकारी अर्जुन सिंह ने ज्यादा शव लाने के लिए तीसरे राउंड में सैनिक कम कर दिए। अबकी बार बचाव दल 8 शव लेकर बाहर आया। इनमें 4 पुरुष, 2 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल थे। एक साथ 8 शव को ढंकने के लिए चादर और ले जाने के लिए स्ट्रेचर कम पड़ गए।
12 घंटे से पानी में होने से शव पूरी तरह गल चुके थे। बड़े-बड़े अभियान को अंजाम देने वाले जवानों के लिए बच्चों के शव सबसे भारी रहे। उनके हाथ कंपकपा रहे थे। बच्चों के शव देखकर सेना और बचाव दल सहित वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी नम हो गईं थी।
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में शुरुआत में बाधा आई और मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर में पुरातन बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी और छत ज्यादा लोगों का बोझ नहीं सहन कर सकी। रहवासियों ने बताया कि मंदिर पुरातन बावड़ी पर छत डालकर बनाया गया था।
राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-सीएम-पूर्व सीएम ने व्यक्त किया दुख
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपना दुख व्यक्त करते हुए एक ट्वीट में कहा, इंदौर में हुए हादसे में कई लोगों की मौत की खबर से मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की। इंदौर में हुए हादसे से बेहद आहत हूं। सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य को तेज गति से आगे बढ़ा रही है। सभी प्रभावितों और उनके परिवारों के साथ मेरी प्रार्थना है। इंदौर में आज हुई दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी में प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने घोषणा की कि राज्य सरकार प्रत्येक मृतक (Indore Temple Tragedy) के परिवार को 5-5 लाख रुपये और घटना में घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा देगी। दुख की इस घड़ी में हम शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे। घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। इस बीच मौके पर पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने अस्पताल में कुछ घायलों से भी मुलाकात की। यह त्रासदी कैसे हुई, इसकी गहन जांच की जानी चाहिए. बावड़ी के ऊपर कंक्रीट स्लैब बनाने की अनुमति किसने दी?