Indigo Flight Cancellation Case : इंडिगो उड़ान संकट पर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक, कहा– पहले हाईकोर्ट जाएं

Indigo Flight Cancellation Case

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देश की सबसे बड़ी एयरलाइन से जुड़ा उड़ान संकट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा (Indigo Flight Cancellation Case) जरूर, लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले में सीधे दखल देने से साफ इनकार कर दिया। हजारों उड़ानों के रद्द होने से यात्रियों को हुई परेशानियों को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई से मना करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करने की सलाह दी।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम. पमचोली भी शामिल थे, ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस विषय से जुड़े सभी मुद्दे पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन हैं। पीठ ने टिप्पणी की कि हाईकोर्ट भी एक संवैधानिक अदालत है और वही इस मामले को देखने के लिए उपयुक्त मंच है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर याचिकाकर्ता की शिकायत का समाधान हाईकोर्ट (Indigo Flight Cancellation Case) में नहीं हो पाता है, तो उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं। इस टिप्पणी के साथ ही पीठ ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

मामले में एयरलाइन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखते हुए बताया कि विमानन नियामक डीजीसीए ने उड़ानों के रद्द होने और यात्रियों को हुई असुविधाओं की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति पूरे घटनाक्रम की पड़ताल कर रही है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इंडिगो की बड़ी संख्या में उड़ानों के अचानक रद्द होने से देशभर में यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना (Indigo Flight Cancellation Case) पड़ा था। टिकट कैंसिलेशन, रिफंड में देरी और वैकल्पिक व्यवस्था न मिलने जैसे मुद्दों को लेकर कई स्तरों पर सवाल उठे थे। इसी पृष्ठभूमि में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।

हालांकि शीर्ष अदालत के इस रुख के बाद अब साफ है कि इस पूरे विवाद की दिशा फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में तय होगी। वहां होने वाली सुनवाई और डीजीसीए की रिपोर्ट पर ही आगे की कानूनी और प्रशासनिक कार्रवाई निर्भर करेगी।

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