BIG BREAKING: गडकरी के बयान से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन के प्रबल हुए आसार
भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री ने कहा-शिवसेना संग तय नहीं हुआ था ढाई-ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला
मुंबई/नवप्रदेश। केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता नितीन गडकरी (nitin gadkari) ने स्पष्ट कर दिया कि शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री (2.5-2.5 years cm ) का फॉर्मूला (formulae) तय ही नहीं हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गडकरी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में अब ढाई-ढाई साल के सीएम की व्यवस्था संभव नहीं है। उनके इस बयान से महाराष्ट्र (maharashtra) में राष्ट्रपति शासन (president rule) लागू होने के आसार और प्रबल हो गए हैं।
हालांकि गडकरी (nitin gadkari) ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वे भाजपा-शिवसेना में मध्यस्थता जरूर करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि मुंबई से दिल्ली पहुंच चुके गडकरी उद्धव ठाकरे से बात करने के लिए मातोश्री जा सकते हैं। लेकिन ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री (2.5-2.5 years cm) का फॉर्मूला तय नहीं होने के उनके बयान से उनके द्वारा मध्यस्थता किए जाने पर संशय ही दिखाई दे रहा है।
ऐसे समझें बयान के मायने
- बहरहाल, गडकरी के इस बयान से भाजपा-शिवसेना के बीच की खटास और बढ़ गई है।
- क्योंकि दोनों दलों के नेताओं के बयानों से साफ है कि दोनों में से कोई भी अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं है।
- ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा-सेना गठबंधन की सरकार बन पाना और मुश्किल हो गया, और राष्ट्रपति शासन लागू होने केे आसार प्रबल हो गए हैं।
- क्योंकि शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस-राकांपा अब भी अपने पत्ते खोलने को है। दोनों दल कर रहे हैं कि भाजपा-सेना मिलकर सरकार बनाएं।
कम नहीं हो रहा शिवसेना का टेंशन
उल्लेखनीय है कि गडकरी से पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी यही बात कही थी, जिससे शिवसेना काफी नाराज हुई थी। जबकि शिवसेना का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के आवास पर उनकी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच हुई बैठक मेंं ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का फार्मूला तय हुआ था। लेकिन अब गडकरी के बयान से शिवसेना का टेंशन और बढ़ गया है।
बहुत सुंदर व्याख्या
thanks aditya