Corona काल में आधी आबादी के लिए मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला |

Corona काल में आधी आबादी के लिए मोदी सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

corona, modi government, navpradesh,

corona, modi government

नई दिल्ली/नवप्रदेश। कोरोना (corona) काल में मोदी सरकार (modi government) ने देश की आधी आबादी के लिए बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से निश्चित तौर पर देश की आधी आबादी को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। स्कूली शिक्षा के लिहाज से फैसला बेहद अहम है।

कोरोना (corona) काल में मोदी सरकार (modi government) ने केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों  के प्रवेश में बहुप्रतीक्षित 27% ओबीसी आरक्षण  को लागू कर दिया है। भारत सरकार द्वारा 30 मार्च 2020 को जारी पत्र के मुताबिक यह आरक्षण लागू हो गया है।

केंद्रीय व नवादय विद्यालयों  में 27 % आरक्षण  का निर्णय सतना के भाजपा सांसद गणेश सिंह की अध्यक्षता वाली अन्य पिछड़ा वर्ग के कल्याण हेतु गठित संसदीय समिति की अनुशंसा पर भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2019 में लिया गया था। 

31 मार्च को एक अधिसूचना जारी, दूसरी संकट के बाद

जिसके अनुरूप जवाहर नवोदय विद्यालय समिति ने कक्षा छठवीं में प्रवेश देने 31 मार्च 2020 को अधिसूचना भी जारी कर दी है। वहीं केन्द्रीय विद्यालय संगठन कोरोना संकट के बाद कक्षा पहली में 2020-21 सत्र के प्रवेश देते समय अधिसूचना जारी करेगा। 

1963 में स्थापित केन्द्रीय विद्यालय संगठन के तहत क्रियाशील देश के 1225 व विदेश के 3 विद्यालयों में कुल 13,15,157 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। जहां सीबीएसई से संबद्ध कक्षा पहली से बारहवीं तक के सभी विषय पढ़ाये जाते हैं। जिनमें से कई केन्द्रीय विद्यालय देश के महानगरों, उपनगरों व प्रोजेक्ट स्कूल के नाम से फौज, आई.टी.बी.पी., रेलवे, कोयला खदान आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थापित हैं। 

ग्रामीण क्षेत्रों में में हैं विद्यालय

वहीं 1986 में स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालय समिति के तहत देश में क्रियाशील 661 निःशुल्क आवासीय विद्यालयों में कुल 2,73,759 विद्यार्थी अध्ययन करते हैं. जहाँ सी.बी.एस.ई. से संबद्ध कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के सभी विषय पढ़ाये जाते हैं. ये भारत के प्रत्येक जिले में 1-1 किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं।

वैज्ञानिक पद्धति से बनाये गए पाठ्यक्रमों व उच्च शिक्षित सुयोग्य अध्यापकों की उपलब्धता के चलते इन विद्यालयों की शिक्षा जगत में अपनी एक अलग साख है। वहीं इनमें अभिभावकों में बच्चों के प्रवेश प्राप्ति हेतु घोर स्पर्धा रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *