डॉक्टर को सजा, लॉकडाउन में देर, सूचनाओं पर बैन, कोरोना पर चीन ने ऐसे दिया धोखा!
लंदन। कोरोना (corona china) को लेकर क्या चीन (china lie on corona) दुनिया को धोखा देता आ रहा है। दुनियाभर के मीडिया ने विशेषज्ञ, राजनेता व ऑब्जर्वर के हवाले से इसका जवाब खोजन की कोशिश की। और इन विशेषज्ञों का भी कहना है कोरोना (corona china) को लेकर हर स्टेज पर चीन (cina lie on corona) ने झूठ बोला और पूरे मामले को दबाने की कोशिश की। डेली मेल ने इस संबंध में कुछ इस तरह विश्लेषण पेश किया है-
बीजिंग ने मामले को दबाने की शुरुआत इस वायरस के बारे में सबसे पहले बताने वाले डॉक्टर (docotor of china punished) को सजा देकर और इस बात को नकारकर की कि यह वायरस इंसान से इंसान में (person to person sprea of corona) फैलता है। यहीं नहीं उसने प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन करने में भी देर कर दी।
जिसका नतीजा ये हुआ है कि वायरस को फैलने से रोकने का शुरुआती अवसर हाथ से चला गया। इसके बाद जब वायरस फैलना चालू हुआ तो चीन (china lie on corona) की कम्यूनिस्ट पार्टी ने इसको लेकर जन सूचनाओं पर सेंसरशिप लगा दी। इसके बाद विदेशों में यह भ्रामक सूचना फैलाई की अमेरिकी सैनिकों के कारण चीन में कोरोना आया।
संक्रमितों व मौतों के आंकड़ों पर संशय
अब भी दुनिया के कुछ बड़े राजनेताओं ने आशंका व्यक्त की है चीन के द्वारा अपने यहां कोरोना इन्फेक्शन व मौतों को लेकर संभवतया गलत जानकारी दी जा रही है। इस संबंध में कोरोना के केंद्र वुहान के लोगों द्वारा दिए जा रहे संकेतों, जिसमें संक्रमितों व मौतों का आंकड़ा आधिकारिक से 10 गुना ज्यादा होने की बात होती है, का जिक्र किया जाता है।
डॉक्टर का किया ऐसा हाल
चीन में ली वेनलियांग समेत कुछ डॉक्टरों (doctor of china punished) ने श्वसन संबंधी नए संक्रमण के बारे में बताना शुरू किया, जो पिछले साल दिसंबर के शुरुआती माह में फैले सार्स जैसा था। लेकिन चीन ने इस रिपोर्ट को प्रकाशित कर लोगों को जागरूक करने के बजाए चीनी पुलिस ने डॉक्टर वेनलियांग व उनके आठ साथियों को जबर्दस्ती अलग कर दिया दिया।
वेनलियांग सोशल मीडिया पर वायरस को लेकर पोस्ट कर रह रहे थे।वेनलियांग की बाद में वायरस से मौत हो गई। हालांकि इससे पहले डॉ. वेनलियांग से चीनी सरकार ने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवा लिए कि उनके द्वारा वायरस को लेकर दी गई जानकारियां झूठी हैं। हालांकि बाद में चीन की ओर से बेहद कठोर लॉकडाउन कराया गया, लेकिन इस बात के कई ऐसे साक्ष्य हैं कि चीन इस संक्रमण को पहले ही रोक सकता था।
स्थिति गंभीर होने तक नहीं बताया कि यह इंसान से इंसान में फैलता है
चीनी अधिकारियों ने शुरुआत में कहा कि वायरस इंसान से इंसान (person to person spread of corona) में नहीं फैलता, जबकि उस वक्त इस बात के प्रमाण थे कि यह वायरस वुहान में तेजी से फैल रहा था। यहां तक कि संक्रमण मरीजों से डॉक्टरों तक में फैल गया था। बताया जा रहा है कि चीन की ओर से ऐसा इसलिए किया गया ताकि 11 से 17 जनवरी के बीच शहर में आयोजित कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चीन की बड़ी कॉन्फ्रेंस के दौरान वुहान का सामान्य जनजीवन सुचारू रहे। चीन ने इस वायरस का ह्यूमन टू ह्यूमन ट्रांसमिशन जनवरी के अंतिम माह तक तब तक कन्फर्म नहीं किया जब तक कि हुबेई प्रांत, जिसमें वुहान शहर आता है, को लॉक डाउन नहीं कर दिया गया है।