भारत T-20 विश्व खिताब की ओर, आज भिड़ेगी साउथ अफ्रीका से; क्या 13 वर्ष का सूखा होगा खत्म?
-साउथ अफ्रीका पहली बार टी20 वल्र्ड कप फाइनल खेल रही
ब्रिजटाउन। T20 World Cup final: वल्र्ड कप में शनिवार को भारत और साउथ अफ्रीका आमने-सामने होंगे। दोनों टीमें इस साल अपराजित हैं। 2011 में वनडे विश्व कप जीतने के 13 साल बाद भारतीय टीम को फिर से विश्व खिताब जीतने का मौका मिला है। भारत पिछले साल से लगातार तीसरी बार आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है।
सवाल ये है कि क्या रोहित शर्मा की टीम इस 13 साल के सूखे को खत्म कर पाएगी। कोहली फॉर्म में नहीं हैं, केवल…रोहित, सूर्यकुमार और पंत ने अब तक संघर्ष किया है। केवल कोहली को चिंता है ऐसा नहीं लगता कि उन्होंने अपना फॉर्म खो दिया है। कप्तान और कोच का पूरा समर्थन है। जडेजा की फॉर्म भी चिंता का विषय है।
अफ्रीका पर दबाव
साउथ अफ्रीका पहली बार टी20 वल्र्ड कप (T20 World Cup final) फाइनल खेल रहा है। ऐसे में उनके पास अपने ऊपर लगे ‘चोकर्स’ के टैग को मिटाने का मौका है क्योंकि वे लगातार बड़े मैचों में हार झेल चुके है। भारत की तरह साउथ अफ्रीका भी टूर्नामेंट में अजेय रहा। भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलते हुए उन पर काफी दबाव होगा और इसी का उन्हें सामना करना होगा।
हालाँकि इस टीम को कम नहीं आंका जा सकता। साउथ अफ्रीका के कई खिलाड़ी भारत के खिलाफ हमेशा सफल रहते हैं। सलामी बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक उनमें से एक हैं। अगर उनका बल्ला लडख़ड़ा जाए तो वह अकेले दम पर टीम का बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते हैं।
हेनरिक क्लासेन और कप्तान एडेन मार्कराम की बल्लेबाजी (T20 World Cup final) भी अहम होगी। मध्यक्रम में उनके पास डेविड मिलर के रूप में एक मजबूत बल्लेबाज है। गेंदबाजी में कगिसो रबाडा, हेनरिक नॉर्खिया, केशव महाराज और तबरेज़ शम्सी अच्छे विकल्प हैं।
भारतीय टीम ने टीम प्रदर्शन पर जोर दिया है। गेंदबाजी में बुमराह, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और हार्दिक पंड्या ने प्रभावित किया है। हार्दिक ने सबको चौंका दिया है। कुलदीप की जादुई फिरकी लगभग हर मैच में देखने को मिली। अक्षर पटेल ने भी अपनी फिरकी से भारत के लिए काफी योगदान दिया है।
रोहित का आक्रमण
रोहित एक कप्तान और ओपनर के तौर पर प्रभावी रहे हैं। उनके दमदार आक्रमण को देखकर प्रतिद्वंद्वी टीम (T20 World Cup final) को चुनौती का सामना करना पड़ता है। वह मैदान पर आने वाले नए बल्लेबाजों के लिए खेल को आसान बना रहे हैं। उनका नेतृत्व निर्णायक भी साबित हो रहा है। वह गेंदबाजी और फील्डिंग में सटीक बदलाव कर विरोधी टीमों को परख रहे हैं।