India GCC Anti-Terror Alliance : GCC की बदलती सोच…भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने खोली पाकिस्तान की पोल…अब खाड़ी देश भी आए साथ…

India GCC Anti-Terror Alliance : GCC की बदलती सोच…भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने खोली पाकिस्तान की पोल…अब खाड़ी देश भी आए साथ…

दुबई/नई दिल्ली, 24 मई| India GCC Anti-Terror Alliance : कभी पाकिस्तान के कूटनीतिक इशारों पर प्रतिक्रिया देने वाले खाड़ी देश अब भारत के कंधे से कंधा मिलाकर आतंक के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की खाड़ी देशों की यात्रा ने वह कर दिखाया जो पहले सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित था – GCC देशों ने पहली बार खुलकर भारत के साथ आतंकवाद विरोधी अभियान में एकता दिखाई है।

GCC देशों का बदला नजरिया: आतंक अब साझा दुश्मन

यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने बताया कि अब बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देशों का नजरिया काफी हद तक बदल चुका (India GCC Anti-Terror Alliance)है। 2008 मुंबई हमलों के समय जो चुप्पी थी, उसकी जगह अब स्पष्ट और कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।

“अब आतंकवाद को सिर्फ भारत का नहीं, बल्कि मानवता का साझा दुश्मन माना जा रहा है।”

– संजय सुधीर, भारत के यूएई राजदूत

यूएई ने की पहले निंदा, भारत के पक्ष में खड़ा हुआ पूरा खाड़ी क्षेत्र

पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद यूएई पहला देश था जिसने इसे खुलकर आतंकी कृत्य बताया और ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा (India GCC Anti-Terror Alliance)की। इसके बाद अन्य GCC देशों ने भी अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट किया कि वे भारत की चिंताओं के साथ खड़े हैं और आतंक के खिलाफ संयुक्त प्रयास जरूरी हैं।

भारत का डेलीगेशन और GCC में असरदार संवाद

श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यूएई के विभिन्न उच्चाधिकारियों से मुलाकात की जिनमें शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान और अली राशिद अल नूमी शामिल हैं। इन मुलाकातों में सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि रणनीतिक चर्चा हुई, जिसमें भारत की बात को खुले दिल से सुना गया।

ऑपरेशन सिंदूर – सिर्फ जवाब नहीं, चेतावनी भी

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि अब चुप्पी नहीं, प्रतिकार होगा। प्रधानमंत्री मोदी के संदेश “धैर्य की भी एक सीमा होती (India GCC Anti-Terror Alliance)है” ने न सिर्फ पाकिस्तान को संकेत दिया बल्कि दुनिया को यह दिखाया कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, निर्णायक भूमिका में है।

भारत-यूएई संबंधों में नया मोड़

भारत और यूएई के संबंध सिर्फ रणनीति तक सीमित नहीं। 100 अरब डॉलर से ऊपर का व्यापार और IMEC (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर) जैसी योजनाएं इस दोस्ती को और मजबूत कर रही हैं। संजय सुधीर ने बताया कि व्यापार, तकनीक और सुरक्षा – इन तीनों मोर्चों पर भारत और यूएई अब साझी ताकत बन चुके हैं।

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