BIG BREAKING : एक सितंबर से देश में स्कूल खोलने की तैयारी, राज्य सरकार…
नई दिल्ली/ए.। देश (india) में कोरोना संकट (corona crisis) के बीच एक सितंबर से स्कूल (schools likely to open from september 1st) खुल सकते हैं। केंद्र सरकार इसको लेकर प्लान तैयार कर रही है।
जानकारी के मुताबिक देश (india) में कोरोना संकट (corona crisis) के बीच 1 सितंबर से चरणबद्ध तरीके से स्कूल (schools likely to open from september 1st) खोले जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 31 अगस्त तक केंद्र सरकार स्कूल खोलने को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर सकती है। सबसे पहले असम सरकार ने कहा था कि वह एक सितंबर से स्कूल खोलने को तैयार है।
उसे केंद्र सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। आंध्र प्रदेश सरकार का भी कुछ ऐसा ही मत था। आंध की सरकार ने कहा था कि सबकुछ ठीक रहा तो 5 सितंबर से स्कूल खोले जाएंगे। यदि स्कूल खुलते भी हैं तो मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसकी शुरुआत 10वीं व 12वीं कक्षाओं से होगी। फिर नौवीं से छठी कक्षा तक के स्कूल खुलेंगे।
राज्य सरकार अपने यहां की स्थिति केे आधार पर लेगी निर्णय
हालांकि राज्य सरकारें अपने यहां की स्थिति के आधार पर निर्णय लेने स्वतंत्र होंगे। यानी राज्यों के शिक्षा विभाग तय करेंगे उनके यहां स्कूल खोले जाने है या नहीं।
ये होंगी शर्तें
शिक्षक-कर्मियों का होगा कोरोना टेस्ट
स्कूल खुलने की स्थिति में कोरोना संबंधी हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य होगा। सभी शिक्षक व कर्मचारियों को कोरोना टेस्ट करवाना होगा। सर्दी व बुखार वाले छात्रों को स्कूल अटेंड करने की इजाजत नहीं होगी। बताया जा रहा है कि सरकार स्कूलों को शिफ्टों में खोलने की तैयारी में है। पहली शिफ्ट सुबह आठ से 11 और दूसरी 12 से 3 बजे तक रहेगी। सेनिटाइजेशन के लिए एक घंटे का ब्रेक होगा। स्कूलों से कहा जायेगा कि वह 33 प्रतिशत टीचिंग स्टाफ के साथ काम करें।
ऐसे होगा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
योजना के मुताबिक पहले 10वीं से 12वीं के छात्रों को स्कूल आने के लिए कहा जायेगा। किसी स्कूल में चार सेक्शन रहने पर सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक दिन में सिर्फ दो सेक्शन में पढ़ाई होगी।
पालकों का ये मत आया था सामने
जुलाई में हुए एक सर्वे के अनुसार ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं थे। लेकिन राज्य सरकारों का भी कहना है कि स्कूल न खुलने से ऐसे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड रहा है, जो गरीब हैं और जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए सुविधा उपलब्ध नहीं है।