India-Canada Relations : ठंडे रिश्तों में आई नई गर्माहट, जयशंकर-अनीता आनंद की बैठक से भरोसे का नया दौर शुरू

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India-Canada Relations : भारत और कनाडा के बीच कुछ समय से ठंडे पड़ चुके रिश्तों में अब नई गर्माहट लौटती दिखाई दे रही है। शनिवार दोपहर दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के बीच हुई बैठक ने दोनों देशों के संबंधों में नई दिशा और गति प्रदान की। यह मुलाकात न केवल औपचारिक थी, बल्कि उसमें भविष्य की संभावनाओं को लेकर आशावाद का भाव भी स्पष्ट दिखा।

बैठक के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत अब रिश्तों को पुनर्जीवित करने और रचनात्मक संवाद के जरिये आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले कनानास्किस में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (India-Canada Relations) और कनाडा के प्रधानमंत्री डेविड कार्नी की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच सकारात्मक माहौल बनाया है और अब उस सोच को ठोस रूप देने का समय है। जयशंकर ने कहा कि भारत की कोशिश है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से भरोसे और पारस्परिक सम्मान की नींव पर खड़ा किया जाए।

विदेश मंत्री ने बताया कि पिछले एक महीने में कई स्तरों पर संवाद हुआ है। 18 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक नई दिल्ली में हुई थी, 19 सितंबर को विदेश मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों ने द्विपक्षीय समीक्षा की, और 11 अक्टूबर को दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रियों के बीच बातचीत ने आर्थिक साझेदारी की नई रूपरेखा तय की।

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भी इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कनाडा भारत को न केवल एक रणनीतिक सहयोगी बल्कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों वाला भरोसेमंद साझेदार (India-Canada Relations) मानता है।

बैठक में दोनों देशों ने एक महत्वाकांक्षी रोडमैप तैयार किया, जिसमें व्यापार, निवेश, कृषि, विज्ञान-तकनीक, सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्रिटिकल मिनरल्स और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहराई देने की योजना बनाई गई। जयशंकर ने कहा कि भारत और कनाडा दोनों की अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे की पूरक हैं, और विविधता व बहुलवाद जैसी साझा विशेषताएं दोनों को और करीब लाती हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी बताया कि दोनों देशों के उच्चायुक्तों ने कार्यभार संभाल लिया है, और वे इस बैठक का हिस्सा रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और कनाडा दोनों ही G20 और कॉमनवेल्थ के सदस्य हैं और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, विकास और खुले समुद्री मार्गों के समर्थन (India-Canada Relations) में समान सोच रखते हैं।

कूटनीतिक हलकों का मानना है कि यह बैठक केवल संवाद की पुनः शुरुआत नहीं, बल्कि भारत-कनाडा संबंधों के नये अध्याय की भूमिका है। दोनों देश अब इस रोडमैप के तहत वास्तविक और ठोस सहयोग को धरातल पर उतारने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा सकते हैं।

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