India Ageing Population 2036 : बूढ़ी हो रही आबादी…..2036 तक हर सात साल में एक भारतीय होगा वरिष्ठ नागरिक
India Ageing Population 2036
देश में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है और अनुमान है कि वर्ष 2036 तक यह संख्या 22.74 करोड़ को पार कर जाएगी। यह वृद्धि भारत की जनसांख्यिकी में बड़ा बदलाव मानी जा रही है, क्योंकि बढ़ती उम्रदराज आबादी के साथ स्वास्थ्य सेवाओं, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक निर्भरता और डिजिटल सुविधाओं की जरूरतें भी काफी बढ़ेंगी (India Ageing Population 2036)।
विशेषज्ञों के अनुसार जिस गति से वृद्ध आबादी बढ़ रही है, उसी अनुपात में बुजुर्ग-हितैषी नीति, बुनियादी ढांचे और केयर सिस्टम पर ध्यान देना अनिवार्य होता जा रहा है।
कांग्रेस सांसद सी.के. कुमार रेड्डी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग के तकनीकी समूह की रिपोर्ट का हवाला दिया। रिपोर्ट के अनुसार 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों की संख्या 2011 में जहां 10.16 करोड़ थी, वहीं 2036 तक इसके दोगुना से अधिक होकर 22.74 करोड़ पहुंचने का अनुमान है।
इसी अवधि में कुल जनसंख्या में वरिष्ठ नागरिकों की हिस्सेदारी 8.4% से बढ़कर 14.9% होने की संभावना जताई गई है — यानी 2036 में हर 7 में से 1 भारतीय बुजुर्ग होगा (India Ageing Population 2036)। अनुमानित कुल जनसंख्या उस समय करीब 153 करोड़ रहने की संभावना है।
सरकार की तैयारी और योजनाएं
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि वृद्ध आबादी बढ़ने से स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक स्वावलंबन और डिजिटल एक्सेस जैसे क्षेत्रों में नई चुनौतियां सामने आएंगी। इन जरूरतों को देखते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 1 अप्रैल 2021 से अटल वयो अभ्युदय योजना (AVYAY) लागू की। इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को रहने की जगह, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं, मनोरंजन और मानसिक-सामाजिक सहयोग उपलब्ध कराना है, ताकि वे सक्रिय और सम्मानजनक वृद्धावस्था (Senior
Citizen Welfare Policies) जी सकें।सरकार ने राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक परिषद का गठन भी किया है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रतिनिधि शामिल हैं। यह परिषद वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े नीतिगत सुझाव और सुधार की दिशा निर्धारित करने में केंद्र की मदद करती है।
2050 तक हर पांचवां भारतीय बुजुर्ग
यह भी उल्लेखनीय है कि नीति आयोग पहले ही चेतावनी दे चुका है कि भविष्य में वृद्ध जनसंख्या (India Ageing Population 2036) और तेजी से बढ़ेगी। वर्ष 2023 की रिपोर्ट में आयोग ने बताया था कि जन्मदर में गिरावट और स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ने से 2050 तक भारत की कुल जनसंख्या में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 19.5% तक पहुंच सकती है,
यानी हर पाँचवाँ भारतीय वरिष्ठ नागरिक होगा। इसका अर्थ यह है कि देश को स्वास्थ्य सेवाओं, केयर सेंटर, पेंशन व्यवस्था, डिजिटल उपयोग प्रशिक्षण और होम-असिस्टेड सपोर्ट सिस्टम जैसी आवश्यकताओं को अब से ही मजबूत बनाना होगा ।
