स्वतंत्रता दिवस 2023: हमारे देश की सीमाएँ पहले से कहीं अधिक सुरक्षित: पीएम मोदी
-आज देश में शांति है, चेन बम धमाके अब हो गए हैं पिछली बात
नई दिल्ली। 77th Independence Day: हमारे देश की सीमाएँ पहले से भी अधिक सुरक्षित हो गई हैं। सेना को आधुनिक बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारी सेना युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहे, हमारी सेना को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। पहले हम रोज सुनते थे, इधर बम फूटा, उधर बम फूटा। साफ-साफ लिखा होना चाहिए, बैग को न छुएं। आज देश शांति का अनुभव कर रहा है।
चेन बम विस्फोट अब अतीत की बात हो गए हैं। निर्दोष नागरिकों की मौतें अब अतीत की बात हो गई हैं। आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी व्यापक परिवर्तन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि बदलाव का माहौल है। वह 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से लगातार 10वीं बार तिरंगा फहराने के बाद उपस्थित नागरिकों को संबोधित कर रहे थे।
…तो घटना भले ही मणिपुर में हुई हो, दर्द महाराष्ट्र को हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जब मैं एकता की बात करता हूं तो मणिपुर में भी घटना होती है तो दर्द महाराष्ट्र को होता है। असम में बाढ़ की स्थिति होती है तो केरल याद आता है। एकता का एहसास होता है। अत्याचार न हो ये हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। मेरे देश की लड़कियाँ। कोरोना काल में जब मेरे सिख भाई ने दुनिया के किसी भी देश में लंगर डाला, तो पूरे भारत का सीना चौड़ा हो गया।
हजार-बारह सौ साल पहले इस देश पर आक्रमण हुआ और…
मोदी ने कहा, ‘जब हम इतिहास पर नजर डालते हैं तो इतिहास में कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो अमिट छाप छोड़ जाती हैं और उनका प्रभाव सालों तक रहता है। कभी-कभी यह बहुत छोटी घटना लगती है. लेकिन बाद में यही कई समस्याओं की जड़ बन जाती है. हजार बारह सौ वर्षों पहले इस देश पर आक्रमण हुआ था। एक छोटे से राजा को हराया गया था।
लेकिन तब यह नहीं पता था कि एक घटना हज के वर्ष में भारत को गुलामी में फंसा देगी और हम गुलामी में फंस गए। जो आए उन्होंने लूटा, जिन्होंने सोचा था। आये और हम पर हमला कर दिया। भाइयों। भले ही घटना छोटी थी। लेकिन इसका असर तीन हजार साल तक रहा।
…और देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान, देश के लिए खड़े हो गये
मैं आज इसका जिक्र इसलिए कर रहा हूं क्योंकि भारत के वीरों ने देश की आजादी के लिए जबरदस्त संघर्ष किया, बलिदान दिया। मां भारती बंधनों से मुक्त होने के लिए खड़ी हुई और देश की नारी शक्ति की तरह न जाने कितने लोग देश के लिए खड़े हुए। मोदी ने कहा, ‘देश की युवा शक्ति, देश के किसान, देश के मजदूर… अनेक लोग बलिदान देने के लिए तैयार थे। केवल एक सेना तैयार थी। वह देश की आजादी के लिए लड़ रही थी।