INC New Delhi Will Give Recognition : नए प्रावधानों से बोगस तरीकों से संचालित नर्सिंग कॉलेजों को खतरा
छत्तीसगढ़ राज्य में सन् 2024-2025 से सभी नर्सिंग काॅलेजो को इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता लेना आवश्यक होगा
रायपुर/नवप्रदेश। INC New Delhi Will Give Recognition : छत्तीसगढ़ राज्य में सन् 2024-2025 से सभी नर्सिंग काॅलेजो में INC से मान्यता लेना आवश्यक होगा। नए प्रावधानों से बोगस तरीकों से संचालित नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द होगी। अगले सत्र से विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों की संबंद्धता संबंधी कोई कार्यवाही नही की जाएगी। पत्र के जारी होने के बाद छ.ग. के ऐसे सभी नर्सिंग काॅलेजो में हडकंप मच गया है। जिनके काॅलेजो को अभी तक इंडियन नर्सिंग काउंसिल नई दिल्ली ने मान्यता नही दी है।
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में अगर सख्ती से पतासाजी की जाये तो सैकड़ों नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता नर्सिंग काउंसिल रद्द कर देगी। जानकारी के मुताबिक MP में 200 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता काउंसिल के टारगेट। ऐसे में काउंसिल के नियमों और बोगस कॉलेजों की बेपरवाही का खामियाजा खामोख्वाह 1 लाख से ज्यादा बच्चों को भुगतना पड़ेगा।
ऐसे काॅलेजो से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का पंजीयन अन्य राज्य में नही हो पाएगा। पूर्व में इस प्रकार के काॅलेजो में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने आप को अब ठगा सा महसूस कर रहे है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव, महानदी भवन नवा रायपुर से परिपत्र जारी कर दिया गया है। जिसमे विषयांतर्गत उल्लेख में छत्तीसगढ़ राज्य में सन 2024-2025 से सभी नर्सिंग काॅलेजो में इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता लेना आवश्यक होगा।
संदर्भ आयुष विश्वविद्यालय पत्र क्रमांक F-201/797/ डी.यू. एच.एस./आं.का./2024 दिनांक 04/04/2024 उपरोक्त पत्र के विषय में आपको जानकारी दी जाती है कि सभी महाविद्यालयो को पत्र प्राप्ति के छः माह के भीतर इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त करना अनिवार्य है।
विशेषज्ञों के अनुसार पहले आईएनसी की मान्यता अनिवार्य थी, लेकिन 2017 से ऐसा नहीं है। छह साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के लिए प्रदेश नर्सिंग काउंसिल को अधिकृत कर दिया है। हालांकि कॉलेजों में नियम आईएनसी का ही चलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर फैकल्टी व बाकी सुविधा आईएनसी के नियम के अनुसार रहेगा।
प्रावधान से खतरे में बोगस नर्सिंग कॉलेज
नए प्रावधानों के तहत काम शुरू हो जाए। मान्यता के लिए आवेदन की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया जाएगा। सभी शर्तें व प्रावधान पूरे होने के बाद ही आवेदन मान्य होगा। इसमें इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आईएनसी) की मान्यता भी शामिल है। निजी कॉलेजों को अपने स्तर से प्रयास करने होंगे। इन प्रावधानों के बाद पारदर्शिता इतनी बढ़ जाएगी कि बोगस तरीके से संचालित नर्सिंग कॉलेज या ताे शर्त पूरी करेंगे या बंद हो जाएंगे।
प्रदेश में नर्सिंग शिक्षा की फैक्ट फाइल
0 प्रदेश में अभी 8 सरकारी नर्सिंग कॉलेज हैं
0 नए कॉलेज खुलने के बाद इनकी संख्या 11 हो जाएगी
0 राज्यभर में निजी कॉलेजों की संख्या 137 है
0 कांकेर, महासमुंद, कोरबा में 3 नए सरकारी नर्सिंग कॉलेज को मंजूरी
0 प्रत्येक कॉलेज में 100-100 सीटें होंगी
0 प्रदेश में बीएससी की सीटें 7026 से बढ़कर 7326 हो जाएंगी
0 एक नर्सिंग कॉलेज में 229 करोड़ रुपए खर्च होगा
0 CGMSC के नक्शे के अनुसार बिल्डिंग बनाने पर 384 करोड़ खर्च आएगा
CGMSC को आएगा इतना खर्चा
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने तीनों नर्सिंग कॉलेजों के लिए नक्शे बना लिए हैं। एक नर्सिंग कॉलेज में 229 करोड़ रुपए खर्च होगा, लेकिन सीजीएमएससी के नक्शे के अनुसार बिल्डिंग बनाने पर 384 करोड़ रुपए खर्च आएगा। यानी एक कॉलेज पर 155 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। वहीं तीन कॉलेजों पर 465 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च होंगे। बजट के लिए डीएमई कार्यालय ने मंथन शुरू कर दिया है। कॉलेज बिल्डिंग के साथ ब्वायज, गर्ल्स व इंटर्न हॉस्टल के अलावा स्टाफ क्वार्टर भी बनाए जाएंगे। इससे छात्राओं व टीचरों को आवासीय सुविधा भी मिल सकेगी।