नए फार्मूले में सभी को सरकार में भागीदारी, आज के आरक्षण से तय होगा मंत्रिमंडल के विस्तार का खाका…
रायपुर /नवप्रदेश। cg nagar nikay chunav 2025: नगर पालिक निगम के महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों के पदों के आरक्षण का सीधा संबंध राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार की बांट जोहने वाले हितग्राहियों को महापौर या अध्यक्ष का भी टिकट दिया जा सकता है। वैसे भाजपा में यह प्रयोग कोई नया नहीं है या यूं कहें, पहली बार नहीं हो रहा है। अविभाजित मध्यप्रदेश में इंदौर के 9 बार के सांसद रहे कृष्णमुरारी मोघे को इंदौर के महापौर का चुनाव लड़वा दिया था। वे शानदार चुनाव जीत कर महापौर बने।
गौरतलब है कि आज के समय में किसी भी निगम मंडल का बजट 100 करोड़ से कम का नहीं रहता, और राज्य के विभागों का बजट भी 100 से 500 करोड़ तक का होता है। आज के आरक्षण में यदि रायपुर नगर निगम सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होता है तो राजेश मूणत निगम के अगले महापौर (cg nagar nikay chunav 2025) के प्रत्याशी हो सकते हैं? कमोबेश बिलासपुर, जगदलपुर, कोरबा, दुर्ग, राजनांदगांव और अंबिकापुर में भी भाजपा यह प्रयोग कर सकती है। यानीमंत्रिमंडल में शामिल होने का रास्ता देख रहे विधायक भी अब महापौर या नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकते हैं। इस प्रयोग के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार 15 जनवरी के बाद ही संभव हो सकता है। क्योंकि अभी खरमास चल रहा है। और मंत्रिमंडल में शामिल होने की चाहत रखने वाले विधायकों की फेहरिस्त लंबी है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा की चौंकाने नीतियों और फैसलों पर गौर किया जाए तो जगदलपुर विधायक किरणदेव सिंह को भी मेयर का चुनाव (cg nagar nikay chunav 2025) लड़ाया जा सकता है। इसी तर्ज पर मंत्री के नामों की रेस में शामिल दुर्ग के विधायक गजेंद्र यादव को भी मेयर पद के लिए चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। इसी तरह प्रदेश के ऐसे विधायक जो मंत्री बनने की दौड़ में हैं, उन्हें मेयर पद की उम्मीदवारी के रूप में आजमाया जा सकता है। चर्चा यह भी है कि साथ ही साय कैबिनेट विस्तार के लिए मंत्री पद के लिए विधायकों की संभावित सूची शीर्ष नेतृत्व को भेजी गई हैं, जिस पर हाईकमान को निर्णय यह लेना है कि क्या इन विधायकों को महापौर का चुनाव भी लड़ाया जा सकता है ?
मंत्रियों की रिपोर्ट कार्ड के आधार पर एक से दो मंत्रियों को भी हटाकर उन्हें मेयर के लिए चुनाव लड़ाया जा सकता है। सियासी जानकारों का तर्क है कि जैसे बृजमोहन अग्रवाल को शिक्षा मंत्री पद से मुक्त करते हुए सांसदी का चुनाव लड़ाया गया था। कहने का तात्पर्य है कि भाजपा हमेशा से चौंकाने वाले ही निर्णय लेती है।
इस बहाने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश
मेयर चुनाव के जरिए भाजपा जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कोशिश करेगी। वहीं दूसरी ओर इसकी बची खुची भरपाई मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए पूरी करने की रणनीति पर भाजपा काम कर रही है।
सर्वे के इनपुट पर भाजपा कर रही काम
आरक्षण की प्रक्रिया से पूर्व ही भाजपा मेयर पदों के संभावित दावेदारों सूची के आधार पर सर्वे भी कर रही है। इसमें संगठन के साथ-साथ अन्य माध्यमों के जरिए दावेदारों की सामाजिक पृष्ठभूमि की जांच परख हो रही है। लेकिन ये ऐसे दावेदार हैं, जिनकी पार्टी में भी पकड़ है।
महापौर व अध्यक्ष : आरक्षण प्रक्रिया आज
नगरीय निकायों में आम निर्वाचन के लिए नगर निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में अध्यक्ष के पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया कल 7 जनवरी 2025 को संपादित की जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा पूर्व में इसके लिए 27 दिसम्बर 2024 की तिथि निर्धारित की गई थी। अपरिहार्य कारणों से 27 दिसम्बर को होने वाली आरक्षण की कार्यवाही को स्थगित कर इसके लिए अब 7 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई थी। रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में कल 7 जनवरी को सवेरे साढ़े दस बजे से आरक्षण की प्रक्रिया संपादित की जाएगी।