राज्य स्तरीय दिशा कमेटी की बैठक में केंद्रीय योजनाओं पर हुई समीक्षा, सड़कों के खस्ता हाल पर जताई चिंता
रायपुर/नवप्रदेश। Disha Committee : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में राज्य स्तरीय दिशा कमेटी की बैठक हुई । जिसमे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, सहित सांसद रामविचार नेताम, अजगले, ज्योत्स्ना महंत सहित विधायक, मुख्य सचिव एवं सम्बंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
दिशा समिति (Development Coordination and Monitoring Committee) की बैठक में केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को प्रदेश में सफलतापूर्वक संचालित समीक्षा की गई। इस दौरान ग्रामीण पंचायत विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, जल संसाधन विभाग और सड़क परिवहन विभाग जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग है उस पर ज्यादा फोकस किया गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोकस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बैठक (Disha Committee) के बाद चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति सबसे ज्यादा बदतर है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने जिन ठेकेदारों को काम दिए थे वह ब्लैक लिस्टेड हो चुके हैं और कुछ ठेकेदार काम करना नहीं चाह रहे हैं। ऐसे में प्रदेश के राष्ट्रीय मार्ग की स्थिति खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बिलासपुर से कटघोरा और अंबिकापुर, रायगढ़ से पत्थलगांव-कुनकुरी से गुजरती सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी है। आज की समीक्षा बैठक में इन्हीं सड़कों पर विस्तार से चर्चा की गई है और साथ ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जा रहा है।
साथ ही सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार से गुहार भी लगाया गया है कि अब प्रदेश में सड़क निर्माण में तेजी लाया जाए, इसके लिए एनएचएआई को केंद्र सरकार निर्देशित भी करें। इसके साथ ही अन्य कई विभागों की समीक्षा भी की गई।
लक्ष्य से ऊपर हुआ प्रदेश में सड़क निर्माण – सिंहदेव
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव बैठक (Disha Committee) के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया PMGSY के अंतर्गत प्रदेश में तकरीबन साढ़े 3 हजार किलोमीटर के लक्ष्य से उपर उठकर सवा 4 हजार किलोमीटर सड़क पूरी की गई थी। लक्ष्य से अधिक सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की थी और सरकार से जिसके एवज में 160 करोड़ रूपये अतिरिक्त मिला था। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में ढाई हजार किलोमीटर का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 400 किलोमीटर के करीब सड़क बन चुके हैं और समय के भीतर ही सभी सड़कें पूरी कर ली जाएंगी।
बस्तर में बिछेगा सड़कों का जाल
बस्तर में नक्सल गतिविधियों के चलते करीब साढे 400 किलोमीटर की सड़कें छोड़ने की चर्चा चल रही थी। राज्य सरकार ने निविदा बुलवाया लेकिन इसे लेने वाला कोई नहीं आया, पर अब जाकर निविदा लेने के लिए लोग सामने आए हैं। पंचायत मंत्री ने इन क्षेत्रों में जल्द ही सड़क निर्माण की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2022 तक इन सड़कों को पूरा किया जाना है लेकिन यह पूरा होना संभव नहीं है। यही कारण है कि केंद्र सरकार से अतिरिक्त समय की मांग की जाएगी। आपको बता दें कि बस्तर संभाग में बनने वाली सड़कें वर्ष 2013 से लंबित है। अब जाकर निविदा लेने के लिए ठेकेदार सामने आए हैं तो सड़क निर्माण तेजी से होने की संभावना भी बढ़ी है।