Imran Khan Supporters : पाकिस्तान में सियासी बारूद का ढेर, इमरान खान की ‘गायबगी’ पर भड़के समर्थक; रावलपिंडी की तरफ उमड़ा जनसैलाब
Imran Khan Supporters
पाकिस्तान इस वक्त एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहां एक छोटी-सी चिंगारी भी पूरे मुल्क को गहरी उथल-पुथल में धकेल सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan Supporters) को लेकर पिछले एक हफ्ते से जारी ‘खामोशी’ और रहस्यमयी अफवाहों ने हालात को बेहद तनावपूर्ण बना दिया है।
अडियाला जेल में बंद इमरान खान से लगातार मिल रहे प्रतिबंध और उनकी तबीयत को लेकर बढ़ते सवालों ने तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों में भारी गुस्सा भर दिया है। यही वजह है कि मंगलवार को रावलपिंडी की ओर बड़ा जमावड़ा देखने को मिल सकता है।
पेशावर, लाहौर, फ़ैसलाबाद, हरिपुर समेत कई शहरों से PTI समर्थकों के काफिले नारे लगाते हुए रावलपिंडी (Imran Khan Supporters) की ओर बढ़ रहे हैं। पार्टी ने साफ ऐलान किया है – “चलो अडियाला”, और यह भी कि इस बार वापसी तभी होगी जब इमरान को उनकी फैमिली और वकीलों से मिलने की इजाजत मिलेगी।
अडियाला में मुलाकात बंद क्यों?
पिछले एक महीने से इमरान खान तक किसी की पहुंच नहीं हुई। वकील, परिवार और पार्टी नेता—सबको बार-बार लौटा दिया गया। वजह? सरकारी बयानों में सिर्फ इतना— “इमरान बिल्कुल ठीक हैं”।
क्यों बढ़ा विवाद?
अडियाला जेल प्रशासन की सख्ती ने पाकिस्तान के राजनीतिक (Imran Khan Supporters) गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। PTI नेताओं का दावा है कि जिस तरह मुलाकात पर अचानक रोक लगी है, वह किसी “बड़े राज़” की तरफ इशारा करता है। सोशल मीडिया पर इमरान खान की तबीयत बिगड़ने, यहां तक कि कथित तौर पर मौत की अफवाहें भी फैल चुकी हैं, जिन्हें सरकार खारिज तो कर रही है, लेकिन उन्हें रोकने की कोई ठोस कोशिश भी नहीं दिख रही।
पार्टी का आरोप है कि सरकार और सेना नेतृत्व जानबूझकर इमरान तक पहुंच रोक रहा है, ताकि पार्टी नेतृत्व उकसावे में कोई गंभीर कदम उठा बैठे और उसके बाद उन्हें कठोर कार्रवाई के लिए बहाना मिल जाए।
सीनेट में बवाल
कई सीनेटरों ने सरकार से तीखा सवाल— “हमें इमरान से मिलवाओ”। एक सीनेटर ने तो चेतावनी तक दे दी— “इमरान को कुछ हुआ तो पूरा मुल्क जल उठेगा।”
इमरान खान की बहन का दावा
इमरान की बहन अलीमा खान ने कहा है कि वे चाहे गोलियां चलें या लाठियां, वे अडियाला के बाहर डटी रहेंगी। उनके मुताबिक परिवार को हफ्तों से सिर्फ भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने पूछा—अगर सब ठीक है तो मुलाकात पर पाबंदी क्यों?
रावलपिंडी कूच की रणनीति
खैबर पख्तूनख्वाह के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी आठ बार इमरान से मिलने की कोशिश कर चुके हैं। एक बार तो उन्होंने पूरी रात अडियाला जेल के बाहर बैठकर विरोध दर्ज कराया। हाई कोर्ट में गुहार तक लगाई, पर नतीजा वही—“इजाजत नहीं।”
अब अफरीदी ने बड़ा फैसला लेते हुए अपने सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को रावलपिंडी कूच करने का आदेश दिया है। PTI के मुताबिक यह उनका अब तक का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण शक्ति-प्रदर्शन होगा।
क्या इमरान को रास्ते से हटाने की कोशिश?
पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों में यह सवाल सबसे ज्यादा चर्चा में है। विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा सत्ता नेतृत्व, खासकर प्रधानमंत्री और सैन्य शीर्ष, इमरान की लोकप्रियता से असहज हैं।
कई पत्रकार यह तक दावा कर रहे हैं कि सत्ता गठजोड़ चाहता है कि PTI किसी आक्रामक कदम में उलझ जाए और उसे “अस्तित्वगत खतरा” बता कर पार्टी को पूरी तरह बेअसर कर दिया जाए।
हालात किस दिशा में जाएंगे—यह मुश्किल है, लेकिन इतना तय है कि पाकिस्तान एक बार फिर भारी राजनीतिक अशांति के दौर में कदम रख चुका है।
