Illegal Mining : ग्रामीणों ने रोकी बीच सड़क गाड़ी, कहा- गांव की विकास गति पिछड़ी… जिम्मेदार कौन?
गुंडरदेही/नवप्रदेश। Illegal Mining : गुंडरदेही ब्लॉक मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम पंचायत सनोद के आश्रित ग्राम नवागांव में 2 जून मध्य रात्रि से सप्ताह भर अवैध रूप से मुरूम का उत्खनन किया जा रहा था। इस संबंध में रविवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूटा और रात 9 बजे एक चयन माउंटिंग मशीन और तीन हाईवा को रोककर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों ने कहा कि गांव के किसान अभी तक 50 एकड़ में धान बुवाई नहीं किया है। इसका कारण जिस रोड से ट्रैक्टर व बैल लेकर किसान जाएंगे उसी रोड पर खनिज विभाग (Illegal Mining) के द्वारा बड़ा हाईवा चैन माउंट सड़क में खड़ा कर रखा है। किसानों की समस्या सुनने क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भूमिगत है। आखिर पूर्व में सरपंच पुत्र रवि यादव ने स्वीकारा था कि कांग्रेसी समर्पित जनपद अध्यक्ष के पति हेमंत साहू के द्वारा उस गाड़ी को वहां तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका अदा किया था।
लगे गंभीर आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि, अगर अवैध कारोबार की सूचना पत्रकारों द्वारा खनिज अधिकारी प्रवीण चंद्राकर को दिया जाता है, तो चंद्राकर पत्रकारों से वीडियो, फोटो मांगते हैं। जब उन्हें मिल जाता है तो अधिकारी उसे तत्काल रेत माफिया व मुरूम माफिया को फोटो वीडियो भेजकर खदान से गाड़ी को बाहर निकलवा देते हैं। ग्रामीणों ने जब अवैध उत्खनन की शिकायत प्रवीण चंद्राकर से किया था, उन्होंने कहा गाड़ी पर कार्यवाही कर रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दिन पूर्व गुंडरदेही पुलिस एवं खनिज विभाग के अधिकारी इस गाड़ी (Illegal Mining) को रोककर पूछताछ की थी पर कार्यवाही शून्य है। इससे आक्रोश में आकर ग्राम नवा गांव के ग्रामीणों ने तीन हाईवा और एक चैन मशीन को सड़क किनारे खड़े करवा कर प्रशासन से कार्यवाही के मांग कर रहे थे।
ग्रामीणों की मांग, खुदाई की अनुमति दिखाएं
कार्रवाई के लिए जब प्रशासन की टीम पहुंची तो ग्रामीणों ने मांग की, जिस ठेकेदार ने इस तालाब खुदाई के लिए परमिशन (Illegal Mining) लिया है या बिना परमिशन की खुदाई कर रहे उसके सामने आते तक हम गाड़ी को सुपुर्द नहीं करेंगे। जिस पर थाना प्रभारी रोहित कुमार मालेकर एवं खनिज विभाग के सुशांत सोनी के द्वारा गाड़ी का पंचनामा बनाकर ग्राम पंचायत के सरपंच व कोटवार को सुपुर्द किया गया। थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को समझाया कि अवैध कारोबार को लगाम लगाने हम यहां तक पहुंचे हैं। हम कार्यवाही कर रहे हैं गाड़ी हमें ले जाने दो या आप लोग गाड़ी को अपने पास रखो। वहीं खनिज विभाग के सुशांत सोनी ने कहा कि आप लोगों के सूचना से हम यहां तक पहुंचे हैं हमें कार्यवाही करने दो।
तीन हाईवा सरपंच व कोटवार के सुपुर्द
इस दौरान संजय कोसरे, राजेश चंदेल, मानिक मारकंडे, जितेन चंदेल, तरुण गायकवाड, शेखर धनकर, बिल्लू ठाकुर, जयपाल यादव, शब्बीर अंसारी, उधर बघेल, लक्ष्मण मारकंडे समेत सैकड़ों ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव द्वारा अवैध मुरूम उत्खनन का हिसाब जब सरपंच से मांगा, तो सरपंच पुत्र ने सोमवार को जानकारी देने की बात कही। फिलहाल एक चैन माउंटिंग मशीन और तीन हाईवा सरपंच व कोटवार के सुपुर्द में किया गया है।
उधर सरपंच पुत्र रवि यादव का कहना है की श्री राम इन्फोटेक कंपनी को मुरूम निकालने का प्रस्ताव ग्राम पंचायत ने बना है खनिज विभाग से परमिशन आने के बाद मुरूम उत्खनन करने की बात किया गया है और ठेकेदार से परिचित जनपद अध्यक्ष के पति हेमंत साहू के माध्यम से मशीन यहां तक पहुंचा है।
सड़क पर खड़ी है उत्खनन गाड़ी
खनिज विभाग में पदस्थ जिला अधिकारी प्रवीण चंद्राकर एवं सुशांत सोनी के मार्गदर्शन पर लगातार जिले सहित गुंडरदेही ब्लॉक में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। वही ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम के आश्रित ग्राम नवागांव में 11 दिनों से सड़क में खुदाई करने वाली गाड़ी खड़े रहने से कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि, ठेकेदार, सरपंच, पंचायत प्रतिनिधि एवं खनिज अधिकारी के साथ सांठगांठ कर राज्य सरकार की खनिज संपदा को बेच रहे है।
शासन को पहुंच रहा है नुकसान
जिला बनने के बाद पहली बार जिला खनिज अधिकारी अधिकारी (Illegal Mining) प्रवीण चंद्राकर और सुशांत सोनी के द्वारा गुंडरदेही ब्लॉक के पैंडी ,रजौली ,बघेली ,रुदा ,मडिय़ापार गुडिय़ा ,डूंडहेरा , नवागांव के अलावा अन्य जगहों पर अवैध रूप से भारी भरकम मुरूम निकालने का संरक्षण देते हैं। प्रवीण चंद्राकर ने सिर्फ लोगों को आवेदन मंगवाते हैं और कलेक्टर के आदेश आते तक बेधड़क अवैध रूप से मुरूम का परिवहन करवाते हैं। बिना परमिशन के धड़ल्ले से मुरम का अवैध उत्खनन करवा रहे हैं। जिससे राज्य शासन को काफी नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं तांदुला नदी के सीना चीरने में ट्रैक्टर माफियाओं के साथ भी खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी के साथ गांठ को दर्शाता है।