गंज मंडी में पुलिस-आबकारी के ‘साये’ में अवैध शराब का कारोबार

-शिकायतकर्ता के साथ मारपीट के बाद भी कार्रवाई नहीं
-शुष्क दिवस पर भी बेची गई शराब
-वीडियो सबूत सौंपने के बाद भी अफसर मौन

रायपुर/नवप्रदेश। राजधानी के व्यस्ततम इलाके गंज मंडी में अवैध शराब बिक्री का कारोबार पुलिस और आबकारी विभाग की नाक के नीचे धड़ल्ले से जारी है। स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि वर्दीधारियों के कथित संरक्षण के चलते शराब माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि गुरु घासीदास जयंती जैसे ‘शुष्क दिवस’ पर भी यहां खुलेआम जाम छलकते रहे। शिकायतकर्ताओं द्वारा आबकारी अफसरों को वीडियो सबूत सौंपने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

विरोध करने पर कारोबारी और सुपरवाइजर पर हमला मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब अवैध कारोबार का विरोध करने पर स्थानीय नागरिकों के साथ मारपीट की गई। गंज इलाके के निवासी और कारोबारी समीर खान ने बताया कि 13 दिसंबर को वह अपने सुपरवाइजर जितेंद्र श्रीवास्तव के साथ अपनी दुकान को किराए पर देने के सिलसिले में गंज मंडी पहुंचे थे। वहां उनकी दुकान के पास ही शराब माफिया दीपक मुदलियार और मनोज मानिकपुरी के गुर्गे अवैध रूप से शराब बेच रहे थे।

सुपरवाइजर जितेंद्र ने जब आरोपियों को दुकान से दूर जाकर शराब बेचने को कहा, तो विवाद शुरू हो गया। कुछ ही देर में दीपक मुदलियार, मनोज मानिकपुरी, राजेंद्र नाग, जामिल, त्रिपाल, दीपमाला और 8-10 अन्य लोग वहां आ धमके और जितेंद्र के साथ मारपीट शुरू कर दी। बीच-बचाव करने आए समीर खान के साथ भी धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।

10 दिन बीते, पुलिस के हाथ अब भी खाली पीड़ित पक्ष का आरोप है कि घटना के तत्काल बाद गंज थाने में नामजद शिकायत दर्ज कराई गई थी। बावजूद इसके, घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। कार्रवाई न होने से आरोपी बेखौफ होकर इलाके में घूम रहे हैं और अपना कारोबार चला रहे हैं।

सुबह 4 बजे से शुरू हो जाता है ‘मयखाना’

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गंज मंडी में सुबह 4 बजे से ही ‘शोले’ ब्रांड की अवैध शराब की बिक्री शुरू हो जाती है जो देर रात तक चलती है। पुलिस की भूमिका पर सवाल तब और गहरे हो गए जब बीते दिनों पुलिस ने 70 क्वार्टर शराब जब्त करने का दावा किया, लेकिन यह शराब किससे जब्त की गई और आरोपी कौन है, इसका जवाब जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। यह पूरी कवायद केवल खानापूर्ति नजर आ रही है।