Site icon Navpradesh

Illegal Harvesting : जंगलों का निकाल रहे जनाजा…पूरी खबर पढ़ें

Illegal Harvesting: The funeral procession of forests... read full news

Illegal Harvesting

यशवंत रजवाड़े कोरिया/मनेंद्रगढ़/नवप्रदेश। Illegal Harvesting : बिहारपुर वन परिक्षेत्र में बायो डायवर्सिटी से जुड़े कार्य हो या फिर नरवा निर्माण, बीहड़ों के कंटूर की बात हो, या फिर जंगलों की अवैध कटाई का मुद्दा हो, सबके झोलझाल की अंदरूनी बात किसी से छुपी नहीं है। बिहारपुर वन परिक्षेत्र में जिस तरह लैंटाना उन्मूलन के नाम भारी भरकम राशि का गड़बड़ झाला किया गया, वन मार्गों के नाम जारी बड़े-बड़े आबंटन और उस पर गुणवत्ता विहीन निर्माण बिहारपुर रेंज में साधारण तौर पर देखा जा सकता है। मिट्टी, मुरूम, गिट्टी के नाम सिर्फ जंगली रोड़ा और साइड की मिट्टी से बनती सड़क सीधी तौर पर मोटे माल मलाई का खेल बना हुआ है।

सागौन की अवैध कटाई छुपाने कराया जा रहा है थीनिंग

हसदेव नर्सरी के बेशकीमती सफेद चंदन के वृक्ष दिनों-दिन तेजी से खत्म होते जा रहे हैं। वर्षों से अपनी हरियाली से राहगीरों का मन मोह लेने वाले हसदेव नर्सरी की सुंदरता को भी नजर लग चुकी है। नागपुर से मनेंद्रगढ़ राष्ट्रीय राज्य मार्ग क्रं-43 के किनारे से लगे करीब २ से 3 किमी से ज्यादा के क्षेत्र में फैले सागौन के जंगल को थीनिंग के नाम पर काटा जा रहा है। पहले चंदन के पेड़ भी इसी तरह साफ किए गए अब सागौन के तैयार वृक्ष।

मीडिया में आने के बाद सबूत मिटाने की कोशिश

मीडिया में जब मनेंद्रगढ़ के जंगलों की असलियत सुर्खियां बनने लगी तो आनन फानन में जंगल के नुमाइंदों ने सागौन की अवैध कटाई के ठूठ के सबूत मिटाने के लिए थिनिंग प्रक्रिया शुरू करा दी। जानकारी के लिए बता दें कि थीनिंग का मतलब घनत्व वाले अविकसित और टेढ़े-मेढ़े पेड़ों की कटाई कार्य; जिसके बाद बचे पेड़ों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। हसदेव नर्सरी में थीनिंग प्रक्रिया को गलत तरीके से किया गया है। एक तरफ से पूरे जंगल की सफाई कर दी गई है।

थिनिंग के नाम बेदर्दी से काटा

लगातार विकसित होने वाले सागौन वृक्षों को भी थिनिंग के नाम बेदर्दी से काटा (Illegal Harvesting) जा रहा है। यह जानकर हैरानी होगी कि जिस सागौन नर्सरी में थीनिंग कार्य जारी है उसके पीछे की नर्सरी के बड़े हिस्से में अवैध कटाई के बड़े -बड़े सबूत हैं। बिहारपुर रेंज के प्रभारी रेंजर और डिप्टी रेंजर शंखमुनी पांडेय सारी गतिविधियों पर आंखें मूंदे हुए हैं। लकड़ी काटने वाले मजदूरों को दिहाड़ी तीन सौ रुपए दिए जा रहे हैं जबकि जंगल की ज्यादातर कटाई घन मीटर के अनुसार भुगतान की जाती है। हसदेव सागौन नर्सरी में लगातार थिनिंग से सागौन के बीहड़ों के बीचों-बीच बचे चंदन वृक्ष पूरी तरह असुरक्षित हो चुके हैं। उन्हे राह चलते भी देखा जा सकता है। साथ ही सड़क के किनारे की पूरी फेंसिंग भी उजाड़ दी जा चुकी है।

अवैध रेत का कारोबार अपनी चरम सीमा पर

कुछ महीनों से बिहारपुर रेंज के जंगलों से अवैध कोयले की बड़ी खेप निकल रही है। घुटरा से गरूडोल के बीच स्थित जंगल और महाराजपुर सहित राधारमण नगर के पश्चिमी क्षेत्र के अवैध कोयला खदान में इसके सबूत मौजूद हैं। नदियों की बात करें तो पर्यटन स्थल अमृत धारा से रोज कई ट्रैक्टर और बनिया नदी सहित अक्ला सरई और सोनहरी गांव के जंगली नदियों से भारी पैमाने पर अवैध रेत का कारोबार अपनी चरम सीमा पर है। कुछ महीनों पूर्व बिहारपुर वन परिक्षेत्र का जंगल अपनी सुरक्षा की चाक चौबंद के लिए हमेशा सचेत दिखता रहा है लेकिन बीते चार छह महीने से बिहारपुर रेंज के जंगलों में गलत गतिविधियां हो रही हैं।

बायो डायवर्सिटी पार्क अमृतधारा के कार्यों में बड़ी अनियमितता

कई महीनों से जैव विविधता के मद्देनजर उद्यान विकसित करने की प्रक्रिया शुरू है जहां कई हेक्टेयर वन भूमि को संरक्षित कर उस वन भूमि की फेंसिंग कराई (Illegal Harvesting) जा रही है।जिस कार्य के दौरान वहां पर कई कार्य कराए जाने हैं।सूत्रों की माने तो बिहारपुर रेंज के बीहड़ों में जिस तरह गायब हज़ारों कंटूर के नाम राशि आहरित कर ली गई है उसी तरह इस पार्क में भी कई ऐसे कार्य नहीं किए गए हैं जिनकी राशि पहले ही निकाल ली गई है। जिसकी पारदर्शिता पूर्वक जांच की जाए तो चाह वह तितली पार्क हो या फिर बायो डायवर्सिटी पार्क सभी के घालमेल सामने आ जाएंगे।

वनमार्ग निर्माण की राशि का बंदरबांट

घुटरा से गरुडोल करीब 5 से 7 किलोमीटर का जंगली सड़क (वनमार्ग) जिसे प्राक्लन अनुसार डब्ल्यूबीएम कार्य द्वारा बनाया जाना था लेकिन इस सड़क पर मिट्टी की मोटी परत डालकर सड़क बना दी गई है। दो चार जगह जंगली रोड़ा डाला गया है बाकी बची सारी सड़क पर सिर्फ मिट्टी ही डाली गई है। मुरूम तो एक गाड़ी देखने को नहीं मिलेगी निर्माणाधीन सड़क पर फिर भी प्रभारी अधिकारी कार्य की राशि आहरण कर लिए। जिससे अब इस वनमार्ग मे भी शासकीय राशि के बंदरबाट होने की आशंका हैं।

वर्जन

पेड़ों की कटाई की नहीं है जानकारी

हसदेव नर्सरी पर चल रहे थीनिग वर्क के संबंध में जो प्लांटेशन कितने वर्ष पुराना हैं जहां पेड़ों की कटाई की जा रही उसकी जानकारी नहीं है। साथ ही ठेकेदारी प्रथा से मजदूर लगाये जाने की जानकारी संज्ञान में नही है। आप के माध्यम से जानकारी हुई है इस संबंध में स्थल पर जाकर जांच के बाद ही स्पष्ट जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

मनोज विश्वकर्मा, उप वन मंडलाधिकारी मनेन्द्रगढ़ वन मंडल

Exit mobile version