शहर के चारों दिशाओं में अवैध उत्खनन स्टाफ की कमी से जूझ रहा खनिज विभाग
-जिले में तीन खनिज इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग, तीनों पद रिक्त
बिलासपुर/नवप्रदेश। sand mining Bilaspur: जिले में अवैध रेत, गिट्टी, मुरम का कारोबार जमकर चल रहा है और स्टाफ की कमी से जूझ रहे खनिज विभाग द्वारा अवैध परिवहन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। शहर के भीतर चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात रहते हैं और रोज 5 सौ भी ज्यादा वाहन रेत, गिट्टी, मुरम भरकर मस्तूरी, जयरामनगर, रतनपुर, घुटकू, सेंदरी से शहर तक पहुंच रहे हैं।
अवैध खनिज उत्खनन पर कार्रवाई के लिए खनिज विभाग के पास कर्मचारियों की भारी कमी है। फिलहाल खनिज इंस्पेक्टर के तीन पद हैं, लेकिन 8 माह से तीनों पद खाली था और अभी यहां 3 में से केवल एक खनिज इंस्पेक्टर की पोस्टिंग हो पाई है, जिससे कार्रवाई करने में विभाग को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है यहां 10 होम गार्ड्स की पोस्टिंग होनी चाहिए, लेकिन तीन-चार जवान तैनात हैं।
दो अलग-अलग उडऩदस्ता की टीम भी होनी चाहिए, लेकिन एक टीम ही काम कर रही है। स्टाफ की कमी के कारण ही जिले में संचालित जांच नाका बंद हो गई है। अरपा के साथ-साथ जिले की सीमा से लगे शिवनाथ नदी में भी रेत माफिया सक्रिय हैं। रात के अलावा सुबह-सुबह अरपा नदी में तुर्काडीह से लेकर घुटकू और लमेर तक अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है।
कोनी, उस्लापुर खनिज जांच नाका बंद
जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए विभाग की जांच नाका (बैरियर) लावर (सकरी), मस्तूरी और कोनी में संचालित था, लेकिन अभी केवल एक जगह लावर में ही जांच की जाती है। इसके पहले तीनों जांच नाका में कर्मचारी खनिज परिवहन की कड़ाई से जांच करते थे, लेकिन स्टॉफ की कमी की वजह से कोनी और उस्लापुर की जांच नाका बंद हो चुकी है। जिस कारण रेती, मुरम, गिट्टी सहित अन्य खनिजों के परिवहन की जांच नहीं हो पाती है।
अलग-अलग हाईवे, सड़क बनने और स्टाफ के सेवानिवृत्त होने के कारण खनिज जांच नाका बंद हुई है। जांच नाका से भी ज्यादा प्रभावी हमारे उडऩदस्ता की टीम है। फिलहाल 10 सदस्यों का एक उडऩदस्ता की टीम बनाई गई है जो अवैध खनिज उत्खनन पर लगातार कार्रवाई कर रही है।
डॉ. दिनेश कुमार मिश्रा, जिला खनिज अधिकारी