अगर आप नाक, कान और गले की इस बीमारी से है परेशान तो पड़े ये खबर…
-ध्वनि प्रदूषण से स्वयं को बचाएं, कान की नियमित जांच करवाएं
-एम्स ने शबरी आश्रम और सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित किया ईएनटी कैंप
रायपुर/नवप्रदेश। कान, नाक और गले की समस्या (Nose ear and throat treatment) हमारे जीवन में आम हो चली है। हम अपने शरीर के इस अंग की देखभाल ठीक ढंग कर नहीं पाते। जब तक की हमें नाक, कान और गले की बीमारी ना हो। खासकर बच्चों में कान संबंधी कई परेशानियां हो सकती हैं जिसमें खेलते समय कान में चोट लगना, मवाद पडऩा या कान में गंदगी संबंधी परेशानियां आम है।
इन समस्याओं को देखते हुए एम्स द्वारा बच्चों में श्रवण संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर के ईएनटी विभाग की ओर से रायपुर के शबरी कन्या आश्रम और सरस्वती शिशु मंदिर में विशेष ईएनटी कैंप आयोजित कर 80 से अधिक बच्चों की ईएनटी जांच की गई। इनमें से लगभग दो दर्जन बच्चों को ओपीडी में नियमित जांच के लिए बुलाया गया है। इस अवसर पर स्वस्थ रहने के लिए कान, नाक और गला की नियमित सफाई पर जोर दिया गया।
इस अवसर पर एम्स के प्रबंधक डॉ. एन नीतिन नागरकर ने कहा कि कान की सफाई पर विशेष ध्यान देने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। इस अवसर पर दो दर्जन छात्र-छात्राओं को कान के और अधिक बेहतर इलाज के लिए एम्स की ओपीडी में रेफर किया गया। प्रो. नागरकर का कहना है कि अत्याधिक शोर, लाउड स्पीकर, तेज संगीत सुनना, डीजे की ध्वनि, पटाखे आदि भी कानों के पर्दे को नुकसान पहुंचाते हैं। अत: स्वयं को तेज ध्वनि से बचाने की आवश्यकता है।