104 साल का, अब मुझे छोड़ दो; हत्याकांड के आरोपियों की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया..

104 साल का, अब मुझे छोड़ दो; हत्याकांड के आरोपियों की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया..

I am 104 years old, now leave me; The court gave its verdict on the plea of ​​the accused in the murder case.

murder case

-पश्चिम बंगाल में 104 साल के आरोपी की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया

कोलकाता। murder case: सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के एक मामले में 104 वर्षीय रसिक चंद्र मंडल को अंतरिम जमानत दे दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया। मंडल जिन्हें 1988 में एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था, को अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट की शर्तों पर अस्थायी रिहाई दी जाएगी।

रसिकचंद्र मंडल को 1994 में हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी सजा को चुनौती देते हुए कई बार अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने मंडल को राहत दी है।

1920 रसिक चंद्र मंडल का जन्म पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के एक अज्ञात गांव में हुआ था। उसी वर्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन शुरू किया। मंडल 68 वर्ष के थे जब उन्हें 1994 में 1988 की हत्याओं में से एक के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। बीमारी के कारण उन्हें जेल से पश्चिम बंगाल के बालुरघाट स्थित एक सुधारगृह में स्थानांतरित कर दिया गया था। 2018 में कलकत्ता हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने सजा के खिलाफ उनकी अपील खारिज कर दी।

मंडल ने 2022 में फिर से सुप्रीम कोर्ट (murder case) में रिट याचिका दायर की, जब सौ का आंकड़ा पार करने में एक साल बाकी था। उन्होंने बढ़ती उम्र और संबंधित बीमारियों का हवाला देते हुए जल्द रिहाई की मांग की थी। इसमें पैरोल या सजा में छूट के लिए पात्र होने के लिए 14 साल जेल में बिताने की आवश्यकता से छूट की भी मांग की गई। इस मामले में अब सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ए अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने 7 मई 2021 को पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। इस अदालती नोटिस में सुधार सुविधा के अधीक्षक को मंडल के स्वास्थ्य पर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, जो 14 जनवरी, 2019 से जेल में है।

यह मामला शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही वकील आस्था शर्मा से मंडल की स्थिति के बारे में पूछा। शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मैंडस को उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं हैं। लेकिन अन्यथा वह स्थिर हैं और जल्द ही अपना 104वां जन्मदिन मनाएंगे। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने मंडल की याचिका स्वीकार कर ली। साथ ही, मालदा जिले के मानिकचक पुलिस स्टेशन में 9 नवंबर, 1988 को दर्ज एक मामले में मंडल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था।

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