बलौदाबाजार और आरंग मामले के करीब पुलिस, जल्द खुलासा होने की संभावना
- एक महीने में चार बड़े मामलों के लिए एसआईटी का हुआ गठन
- अब तक परिणाम शून्य, जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही
रायपुर/नवप्रदेश। Chhattisgarh Raipur 4 major incidents within a month: छत्तीसगढ़ में बीते एक महीने के अंदर 4 बड़ी वारदातें हुई जिनकी जांच के लिए प्रदेश के गृह मंत्री ने एसआईटी का गठन करने के आदेश दिए थे लेकिन अब तक किसी भी मामले की तह तक चारों में से एक भी एसआईटी की टीम नहीं पहुँच पाई है। बीते दिनों बेमेतरा जिले में हुए ब्लास्ट की बात की जाए या बलौदाबाजार में हुई हिंसा की या फिर कवर्धा जिले में हुई कोमल साहू की संदिग्ध हत्या की या आरंग में हुई मॉब्लिंचिंग की वारदात की बात करे तो किसी भी मामले का निष्कर्ष निकालने में अब तक पुलिस के हाथों कोई खास सफलता नहीं लगी है।
पुलिस सूत्रों की माने तो अब तक इन तमाम मामलों में एसआईटी ने कई लोगों से पूछताछ तो की है लेकिन असल दोषी अब तक इनकी पहुंच से काफी दूर नजर आ रहे हैं। (Chhattisgarh Raipur 4 major incidents within a month) वहीँ बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस काफी करीब तो पहुँच चुकी है लेकिन राजनैतिक लोगों का नाम आने की वजह से संभल कर बारीकी से जांच कर रही है। ऐसा ही हाल आरंग में हुई गौ तस्करों की मौत मामले में भी नजर आ रहा है जहां अब तक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 2 दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर उनको छोड़ा जा चुका है लेकिन अब तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
पुलिस ने नहीं दिखाई मामले में गंभीरता
ऐसा ही एक मामला बीते दिनों कवर्धा जिले में सामने आया था जहां कोमल साहू नामक व्यक्ति की संदिग्ध लाश मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई (Chhattisgarh Raipur 4 major incidents within a month) जिससे आक्रोशित होकर प्रदेश के साहू समाज ने शनिवार को रायपुर में एक सभा का आयोजन करते हुए सरकार से कोमल साहू के हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने की गुहार लगाई जिसके बाद प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस मामले की जांच के लिए भी एक एसआईटी का गठन किए जाने के निर्देेश दिए हैं।
बेमेतरा ब्लास्ट मामला ठंडे बस्ते में
पिछले महीने 25 मई को बेमेतरा जिले के ग्राम पिरदा की बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट मामले की जांच मानों ठन्डे बस्ते में चली गई हो। फैक्ट्री में ब्लास्ट के दौरान मजदूरों की मौत के अब तक सहीं आंकड़े सामने नहीं आ सके हैं। स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट के दौरान लगभग 30 मजदूर फैक्ट्री में मौजूद थे जिसमे से 6 लोगों को ही बचाया जा सका था और लगभग 9 मजदूरों की मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई थी। ग्रामीणों का आरोप है की ब्लास्ट के दौरान फैक्ट्री में मौजूद मजदूरों के परिजन अभी भी न्याय की राह तकते हुए अपने परिवार के सदस्य की तलाश में भटक रहे हैं वही मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने इस घटना को अब गंभीरता से लेना तो दूर बल्कि लापता मजदूरों के परिजनों के सवालों का जवाब तक नहीं दे पा रही है।
बेमेतरा के मामले को तीन सप्ताह हो चुका
घटना को अब तक 20 दिन हो चुके हैं लेकिन बेमेतरा पुलिस और मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी किसी भी निष्कर्ष तक नहीं पहुँच पाई है। इतना ही नहीं अब तक इस घटना में किसी भी व्यक्ति या फैक्ट्री संचालक के विरुद्ध न तो कोई एफआईआर दर्ज की गई है और न ही कोई कार्रवाई की गई है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है की पुलिस सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है।