कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि पर कितना मिलेगा ब्याज ? EPFO बोर्ड ने की घोषणा- 7 करोड़ सदस्यों को बड़ी राहत मिली

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-कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत पर बरकरार रखी
नई दिल्ली। epfo: देश के करोड़ों नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी है। पिछले सप्ताह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की निवेश एवं लेखा समिति ने संगठन की आय और व्यय की समीक्षा की। जिसमें बोर्ड ने जमा पर ब्याज दर कम करने का निर्णय लिया। इसके बाद पीएफ ब्याज दर में भी कटौती की संभावना जताई गई थी।
दरअसल, रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.25 फीसदी पर बरकरार रखी है। ईपीएफओ बोर्ड की बैठक में सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.25 फीसदी की ब्याज दर तय की है। यह निर्णय 28 फरवरी को केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में लिया गया।
2022 में ब्याज दर में बड़ी कटौती
इससे पहले मोदी सरकार ने 2022 में ब्याज दरों में बड़ी कटौती की थी। 7 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए 2021-22 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से घटाकर 8.1% कर दी गई। सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ईपीएफओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने शुक्रवार को हुई बैठक में 2024-25 के लिए ईपीएफ पर 8.25 फीसदी की ब्याज दर देने का फैसला किया है।
2020-21 के लिए ईपीएफ (epfo) पर 8.1 प्रतिशत ब्याज दर 1977-78 के बाद सबसे कम थी, जब ईपीएफ ब्याज दर 8% थी। मार्च 2020 में, ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर 7 साल के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत कर दिया था, जबकि 2018-19 के लिए 8.65 प्रतिशत का प्रावधान किया गया था।
ईपीएफओ क्या है?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (epfo) एक वित्तीय संस्था है। यह संगठन कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना का प्रबंधन करता है। यह बोर्ड भारत में संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए अंशदायी भविष्य निधि, पेंशन योजनाओं और बीमा योजनाओं का प्रबंधन करता है। ग्राहकों और वित्तीय लेनदेन की मात्रा के संदर्भ में यह दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है।