संपादकीय: योगी सरकार के लिए अग्नि परीक्षा की घड़ी
Hour of litmus test for Yogi government: प्रयागराज में इस बार महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। जो योगी सरकार के लिए अग्रि परीक्षा की घड़ी साबित हो रही है। पौष पूर्णिमा और मकरसंक्राति पर दो शाही स्नान तो सुगमतापूर्वक संपन्न हो गये किन्तु मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हो गये थे और दुर्भाग्यवश आधी रात के बाद वहां भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई।
जिसकी वजह से 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 90 लोग घायल हो गये। इस हादसे के बाद महाकुंभ में व्यवस्था और दुरूस्त की गई है। जिसकी वजह से अब वहां स्थिति सामान्य हो चली है। किन्तु अभी तीन और शाही स्नान होना बाकी है। 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर चौथा शाही स्नान होगा और 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर पांचवा तथा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर छटवां और अंतिम अम्रित स्नान होगा।
इन तीन प्रमुख तिथियों पर भी प्रयागराज में करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी इसलिए वहां भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ऐहतियाती कदम उठाने होंगे ताकि भगदड़ की घटना की पुनरावित्त न हो पाये। योगी सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाने शुरू कर दिये हैं इसलिए यह उम्मीद की जा रही है कि शेष बचे तीन शाही स्नान सुगमतापूर्वक संपन्न हो जाएंगे। योगी सरकार तो अपने स्तर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर ही रही है लेकिन श्रद्धालुओं को भी संयम से काम लेना चाहिए।
प्रयागराज में पुलिस सहित अन्य अधिकारियों के निदर्शों का पालन करना चाहिए तभी वे सहजतापूर्वक पुण्य स्नान कर पाएंगे। महाकुंभ में प्रयागराज में जो अपार जन समूह उमड़ रहा है। उसे देखते हुए मेला परिसर में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। नतीजतन लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है। इसकी वजह से प्रयागराज शहर में भी यातायात व्यवस्था चरमरा गई है।
लाखों की आबादी वाले शहर में यदि करोड़ों लोगों हुजूम उमड़ जाएगा तो व्यवस्था गड़बडऩा स्वभाविक है। इसके बाद भी प्रयागराज के निवासी साधुवाद के पात्र हैं। जो असुविधाओं का न सिर्फ सामना कर रहे हैं बल्कि श्रद्धालुओं को यथासंभव मदद भी पहुंचा रहे हैं। प्रयागराज के लोगों ने श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह नि:शुल्क भंडारे आयोजित कर रखे हैं और श्रद्धालुओं के लिए जलपान की भी व्यवस्था कर रखी है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने तो अपना भवन श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है जहां हजारों श्रद्धालुओं के लिए विश्राम की सुविधा सुलभ कराई जा रही है। साथ ही उन्हें भोजन भी दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय की छात्राओं ने भी श्रद्धालुओं की सेवा के लिए छात्रावास के सामने स्टाल लगायें है।
जहां राहगीरों को जलपान उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रयागराज के लोगों ने महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के प्रति जो सेवाभाव दिखाया है वह निश्चित रूप से अनुकरणीय है। ऐसे में वहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का भी दाियत्व बनता है कि वे संयम का परिचय दे और मेला प्रशासन के दिशा निर्देंशों का पालन करें। ताकि महाकुंभ के दौरान फिर से ऐसी दुखद घटना की पुनरावृत्ति न हो।