सीएम के दरबार से आस भी.. विश्वास भी.. संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने लौटाई बच्ची की खुशी

सीएम के दरबार से आस भी.. विश्वास भी.. संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने लौटाई बच्ची की खुशी

1 Raipur With sensitive Chief Minister Vishnudev the girl returned with her new eyes

1 Raipur With sensitive Chief Minister Vishnudev the girl returned with her new eyes

बच्चों के साथ खेलते-खेलते पांच साल की नूतन की आंख हो गई थी डैमेज, माता-पिता के साथ पूरा परिवार बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित थे

  • ऐसे में छत्तीसगढ़ की सरकार के प्रथम जनदर्शन में बड़ा सहारा मिला
  • आज नूतन का पूरा परिवार मुख्यमंत्री के पहल की सराहना करते नहीं थक रहे

नीरज उपाध्याय

रायपुर/नवप्रदेश। Raipur: With sensitive Chief Minister Vishnudev, the girl returned with her new eyes: शरीर का हर अंग प्रकृति से निर्मित है। मां के पेट में पंच तत्वों से नौ महीने में तैयार होने वाले इस शरीर का हर अंग प्रकृति द्वारा निर्धारित समय पर ही विकसित होता है और फिर दिन-दुनिया के लायक यह शरीर सोचता, समझता और देखता है।

…मगर दुर्घटनावश इस शरीर को चोट लगती रहती है और प्रकृति के पंच तत्वों से निर्मित यह शरीर स्वयं से उसकी मरम्मत करते रहता है, ..पर कभी ऐसा भी होता है कि शरीर को बड़ा और घातक आघार लग जाए, चोटिल हो जाए तब कभी ऐसा भी समय आता है कि चिकित्सकीय प्रयास भी फेल साबित हो जाते हैं। ऐसे में सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि आगे क्या होगा.. जीवन कैसे गुजारा जाए…

अगर आंख जैसा संवेदनशील अंग हो.. जो डैमेज हो जाए.. तो इंसान की पूरी दुनिया ही अंधकारमय हो जाती है.. ऐसे मामले में उपर वाले की कृपा हुई और बड़ा चमत्कार हो जाए… कि पीड़ित को कोई बड़ा सहारा मिल जाए और जीवन संवर जाए…

जी.. हां.. ऐसे ही एक मामले की “दैनिक नवप्रदेश” की टीम आपको जानकारी दे रही है, जहां छत्तीसगढ़ की साय सरकार नन्हीं सी बच्ची के लिए बड़ा सहारा बनी है। चोटिल बच्ची की आंख चली गई थी.. जीवन अंधकारमय हो गया था, पर पहले ही जनदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पीड़ित को लेकर संवेदनशीलता के साथ बच्ची की आंख पहले जैसे दिखे इसके लिए तत्काल आदेशित किया। स्वास्थ्य विभाग ने भी तत्परता दिखाई और केवल सप्ताहभर के अंदर बच्ची की दोनों आंखें पहले जैसी दिखने लगीं।

बच्ची के साथ 27 जून को सीएम से मिले पिता

बता दें कि नूतन की आंख में खेल-खेल में चोट लग गई थी, जिससे उसका रेटिना खराब हो गया था। (Raipur: With sensitive Chief Minister Vishnudev, the girl returned with her new eyes) उसके पिता काशी राम ठाकुर मुख्यमंत्री निवास में 27 जून को आयोजित प्रथम जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के पास पहुंचे थे। जहां उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए नूतन की आंख का इलाज करने सहायता का आग्रह किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल अधिकारियों को नूतन का बेहतर से बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए थे।

दूसरे जनर्शन में बच्ची नूतन को देख खुश हो गए सीएम साय

केवल सप्ताहभर के अंदर इलाज के बाद बच्ची की दोनों आंखें पहले जैसी दिखने लगी। खुशी के साथ जब पिता काशी राम ठाकुर बेटी नूतन को लेकर दूसरे जनर्शन 4 जुलाई को मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे तो सीएम विष्णुदेव साय बच्ची को देखकर खुश हो गए। मुख्यमंत्री ने पास बुलाकर बच्ची नूतन को दुलार करते हुए पहले नाम पूछा, नूतन से कहा अच्छे से पढ़ाई करना। इस दौरान नूतन ने मुख्यमंत्री साय को बाल सुलभ सहजता से गुलाब का फूल भेंट किया, तो वे भावुक हो गए। इस दौरान पिता काशी राम ठाकुर भी बेटी के इलाज के लिए तत्काल मिली सहायता के लिए मुख्यमंत्री का आभार मानते नहीं थकते।

डंडे से लगी चोट से आंख का पूरा सेट बाहर आ गया

पिता काशीराम ठाकुर ने “दैनिक नवप्रदेश” की टीम को जानकारी दी कि हम दुर्ग के बोरसी भाठा, वार्ड-50 में रहते हैं। मेरी दो बच्चियां हैं उमा और नूतन। (Raipur: With sensitive Chief Minister Vishnudev, the girl returned with her new eyes) नूतन पांच साल की है। 23 मार्च 2024 को घर के पास बच्चों के साथ खेलते-खेलते डंडे से नूतन की आंख चोटिल हो गई। चोट ऐसे लगी कि नन्हीं सी बच्ची की आंख का पूरा सेट बाहर लटकने लगा। काशीराम ने बताया घटना की जानकारी होते ही उसकी मां मंटोरा दौड़ी। बच्ची की हालत देखकर रोने लगी और तत्काल मुझे फोन पर जानकारी दी।

एनआईटी के स्टाफ ने दिखाई संवेदनशीलता

पिता काशीराम घटना के समय रायपुर के एनआईटी परिसर में ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया तत्काल मामले की जानकारी सीएसवीटीयू के वीसीएच एनके वर्मा व स्टाफ को दी, तो उन्होंने बच्ची को शंकराचार्य हास्पिटल भिलाई ले जाने की सलाह देते हुए अस्पताल के स्टाफ को लाइनअप किया और बच्ची के इलाज के लिए काशीराम को आर्थिक सहायता भी दी।

.. पर आंख से चली गई रोशनी

इलाज के बाद पता चला कि बच्ची की आंख की रोशनी पूरी तरह से जा चुकी है। तब मां मंटोरा और पिता काशीराम को धक्का लगा। वे बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित रहने लगे। नींद गायब हो गई, आंखों में आंसू थे कि नूतन का जीवन कैसे चलेगा। लोग उससे पता नहीं कैसा व्यवहार करेंगे। काशीराम ने बताया इसी चिंता के बीच रोजगार भी देखना था, ड्यूटी पर रायपुर आता, पर चिंता बच्ची की ओर लगी रहती थी। हम सोच नहीं सकते थे कि महंगा इलाज कराकर बच्ची की आंख को पूरी तरह ठीक किया जा सके।

..और फिर लौट आई खुशियां

काशीराम ने बताया इसी बीच किसी ने मुख्यमंत्री से सहायता लेने की सलाह दी और मैंने आवेदन तैयार कर बच्ची के साथ प्रथम जनदर्शन में सीएम साहब के पास आवेदन प्रस्तुत किया। केवल सप्ताहभर के अंदर संवेदनशील सरकार ने हमारी खुशियां लौटा दी। हम सरकार को दिल से धन्यवाद करते हैं

डैमेज की जगह फिट हो जाती है यह आंखः रंजना बिस्वाल

बच्ची नूतन की कृत्रिम आंख तैयार करने वाली, उसमें आत्मविश्वास भरने वाली रायपुर की अक्यूलॉरिस्ट रंजना बिस्वाल ने इस बारे में “दैनिक नवप्रदेश” की टीम को जानकारी दी। रंजना ने बताया कि हम आर्ट आईस में कस्टम मेड के तहत मरीज की आंख का नाप लेकर कृत्रिम आंख तैयार करते हैं, जिससे यह पूरी तरह डैमेज आंख की जगह फिट हो जाती है और दूसरी आंख से हूबहू मिलती है। यह जिस तत्व से तैयार होता है वह नुकसान नहीं करती। आंख में फिट होने के बाद आरामदायक होती है। अक्यूलॉरिस्ट बिस्वाल ने बताया कि रेडिमड बनी आंख आरामदायक नहीं होती। इसे बार-बार सफाई करनी पड़ती है।

..तो फिर जीवन में भर जाता है आत्मविश्वास, उत्साह.. उमंग

आंख शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसे बेहद संजीदगी से संभालना पड़ता है। इसके बगैर पूरी दुनिया अंधकारमय हो जाती है। अगर एक आंख किसी कारण से खराब हो जाती है, चोट या जन्मजात विकृति या फिर बीमारी के कारण खराब हो जाए, तो दूसरी आंख के सहारे पूरी जिंदगी बीता सकते हैं, पर यहां दूसरा पहलु ये है कि उसका आत्मविश्वास डगमगा जाता है.. जीवन अधूरा लगता है.. सभी की नजर उस इंसान के शरीर में अंग की कमी की ओर हो जाती है। रंजना ने कहा आत्मविश्वास के साथ सामान्य जीवन जीने के लिए डैमेज की जगह अगर कृत्रिम आंख लगा दी जाए तो उसके तन, मन में उत्साह.. उमंग .. स्थान ले लेता है और जीवन खुशियों से भर जाता है।

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