जनजातीय कला की समृद्ध विरासत का सम्मान उसुड़ वाद्ययंत्र प्रधानमंत्री को किया भेंट

जनजातीय कला की समृद्ध विरासत का सम्मान उसुड़ वाद्ययंत्र प्रधानमंत्री को किया भेंट

Honouring the rich heritage of tribal art, Usud musical instrument was presented to the Prime Minister

pm modi visit in bilaspur

-सीएम साय ने भेंट किया उसुड़ वाद्ययंत्र का मोमेंटो

रायपुर/नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा और जनजातीय परंपराओं की जीवंत प्रस्तुति के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिलासपुर जिले के ग्राम मोहभ_ा में आयोजित आमसभा और लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह में एक विशेष मोमेंटो भेंट किया, जो बांस से निर्मित अनूठे जनजातीय वाद्ययंत्र उसुड़ का प्रतीक है। यह मोमेंटो छत्तीसगढ़ की गोंडी संस्कृति, बस्तर की कला और नारी शक्ति की विविध परंपराओं का संगम है।

उसुड़: बांस से बना जीवंत संगीत वाद्ययंत्र

गोंडी बोली में उसुड़ कहा जाने वाला यह वाद्ययंत्र पूरी तरह बांस से निर्मित होता है। लगभग ढाई से तीन फीट लंबा यह वाद्य, हाथों से पकड़कर घुमाकर बजाया जाता है, जिससे एक विशेष कंपन और ध्वनि उत्पन्न होती है। इसके ऊपरी भाग में लोहे के तीन गोल वासर लगाए जाते हैं और बाहरी सतह को गर्म लोहे से दागकर पारंपरिक शैली में सजाया जाता है। यह वाद्ययंत्र एक सांस्कृतिक प्रतीक है, जो छत्तीसगढ़ की जनजातीय आत्मा को दर्शाता है।

जनजातीय शिल्पगुरु बुटलूराम मायरा का योगदान

इस वाद्ययंत्र को नारायणपुर जिले के देवगांव निवासी जनजातीय शिल्पकार श्री बुटलूराम मायरा ने अपने हाथों से निर्मित किया है। श्री मायरा विगत चार दशकों से जनजातीय कला के संरक्षण और संवर्धन में सक्रिय हैं। उनके योगदान की सराहना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में कर चुके हैं।

बस्तर की कला को राष्ट्रीय मंच पर पहुँचाया

बांस शिल्प और तुमा (सूखी लौकी) शिल्प में पारंगत श्री मायरा ने न केवल बस्तर की लोककला को जीवित रखा, बल्कि 60 से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार से जोड़ा। इसके साथ ही उन्होंने जनजातीय नृत्य दलों का गठन कर देशभर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया। उनके इस प्रेरणादायक कार्य हेतु उन्हें वर्ष 2024 में “शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान” से सम्मानित किया गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया गया यह मोमेंटो केवल एक सांस्कृतिक उपहार नहीं, बल्कि भारत की विविधता, नारी शक्ति, जनजातीय आत्मनिर्भरता और स्थानीय प्रतिभा के उत्थान का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री जी की “वोकल फॉर लोकल” और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की परिकल्पना से गहराई से जुड़ा हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा भेंट किया गया यह मोमेंटो छत्तीसगढ़ की जनजातीय परंपरा, बांस शिल्प, सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में चल रहे प्रयासों का जीवंत प्रतीक है। यह भेंट प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में स्थानीय कौशल, सांस्कृतिक समरसता और महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठित करने की दिशा में एक सार्थक योगदान है।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *