हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा-राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता पर 8 नहीं, 4 सप्ताह में निर्णय लें

Rahul Gandhi's dual citizenship
-कार्रवाई का ब्योरा कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे
नई दिल्ली। Rahul Gandhi’s dual citizenship: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की दोहरी नागरिकता के मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को चार सप्ताह का समय दिया है। मंत्रालय ने इस मामले में आठ सप्ताह का विस्तार मांगा था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया और चार सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा। राहुल गांधी पर ब्रिटिश नागरिकता रखने का भी आरोप है और यह मुद्दा पिछले कई वर्षों से चर्चा में है। इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में चल रही है।
पिछली सुनवाई में 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 24 मार्च को की गई कार्रवाई का ब्यौरा कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया था, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा करने में विफल रही। यह जनहित याचिका कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर द्वारा दायर की गई है। तदनुसार, राहुल गांधी भारत और ब्रिटेन दोनों के नागरिक हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 84(ए) के तहत चुनाव लडऩे की पात्रता मानदंड का उल्लंघन है। यदि यह बात साबित हो जाती है तो राहुल गांधी अपनी संसद सदस्यता खो सकते हैं।
पिछले साल 1 जुलाई 2024 को भाजपा नेता और वकील एस विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यह आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi’s dual citizenship) के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि यह पत्र ब्रिटिश सरकार का 2022 का गोपनीय मेल था। याचिकाकर्ता ने भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 9(2) के तहत राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की है।