Hemant Soren ED Case : हेमंत सोरेन की कुर्सी पर फिर मंडराने लगा खतरा, HC ने दिया बड़ा झटका

Hemant Soren ED Case

Hemant Soren ED Case

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। झारखंड हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (Hemant Soren ED Case) द्वारा दायर भूमि घोटाला–मनी लॉन्ड्रिंग प्रकरण में सांसद/विधायक (MP/MLA) अदालत के समक्ष उनकी अनिवार्य निजी उपस्थिति पर लगी अपनी पूर्व रोक हटा दी है। हाईकोर्ट का यह कदम मुख्यमंत्री के लिए बड़ा कानूनी झटका माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री सोरेन ने इस आदेश को चुनौती देते हुए आपराधिक विविध याचिका दायर की थी, जिसमें दिसंबर 2024 में हाईकोर्ट ने अस्थायी रोक लगा दी थी। अब वह रोक हटने के बाद सांसद/विधायक अदालत में उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति का मार्ग साफ हो गया है ।

Hemant Soren ED Case ईडी की शिकायत व आरोप

मामला कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस से संबंधित है। ईडी ने 2024 में विशेष सांसद/विधायक अदालत में शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता देवराज झा (ED रांची) ने कोर्ट को बताया था कि मुख्यमंत्री को 10 समन भेजे गए थे, लेकिन उन्होंने केवल दो बार ही उपस्थिति दर्ज कराई और बाकी समनों की अनदेखी की । इसी मामले की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश ने हेमंत सोरेन को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। इसी आदेश को चुनौती देने मुख्यमंत्री हाईकोर्ट पहुंचे थे।

हाईकोर्ट का रुख और राजनीतिक प्रतिक्रिया

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने स्थगन की मांग की। हाईकोर्ट ने स्थगन पर विचार करते हुए भी निचली अदालत के आदेश पर लगी रोक हटा दी। फैसले के बाद भाजपा हमलावर हो गई है और विपक्ष ने मुख्यमंत्री से कोर्ट के निर्देशों का सम्मान करते हुए कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करने की मांग की है। वहीं, जेएमएम प्रवक्ता ने कहा कि मामला विचाराधीन है और सरकार विधिक रूप से पैरवी कर रही है, इस समय टिप्पणी उचित नहीं। हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद सांसद/विधायक अदालत में सीएम सोरेन की निजी पेशी अब अनिवार्य हो सकती है।